आगरा। देश के सबसे बड़े लोकतंत्र के महापर्व की शुरुआत हो चुकी है लेकिन शहर के बीचोबीच स्थित मालवीय कुंज रिफ्यूजी कालोनी के लोग इस महापर्व का हिस्सा बनना नही चाहते हैं। इस कॉलोनी के वाशिन्दों ने इस बार मतदान के बहिष्कार करने की ठान ली है। इसलिए इस कॉलोनी के हर घर के दरवाजे और गेट पर मतदान का सपरिवार बहिष्कार करने के पोस्टर चस्पा किये हुए हैं। इस कॉलोनी में करीब 120 परिवार रहते है जिसमे करीब 1100 मतदाता है।
मतदान के बहिष्कार को लेकर मून ब्रेकिंग की टीम भी यहाँ पहुँची और लोगों से इस सम्बंध में वार्ता की। इस पूछताछ के दौरान लोगों का दर्द भी छलक गया। रुंधे हुए गले से लोगों ने बताया कि उनके बटवारे के दौरान बाप दादा पाकिस्तान से यहाँ आये थे और सरकार ने यहां शरणार्थियों के लिए कालोनी बनवाई थी। नो प्रॉफिट नो लास की तर्ज पर बनी कालोनी का किराया 20 रुपये रखा गया था जबकि उस समय दो रुपये में कोठी किराए पर मिल जाती थी। उसका कारण यह था कि सरकार ने लिखित में कहा था की जैसे ही मकानों की कीमत की रकम पूरी हो जाएंगी तो किरायेदार के नाम मकान की रजिस्ट्री कर दी जाएगी पर ऐसा आज तक नही हुआ।
1971 में सरकार का अध्यादेश आया और 5 हजार रुपये जमा करके मकान की रजिस्ट्री कराने को कहा गया। लोगों ने बताया कि मकान की कीमत से ज्यादा किराया दिया जा चुका है पर अभी तक मकान मिलना तो दूर उल्टा नगर निगम ने किराया 50 हजार बकाया और उस पर दो लाख का ब्याज मिला कर ढाई ढाई लाख के इस्टीमेट बनाकर भेज दिए हैं।
निगम कोई सुविधा तो देता नही है घरों के आगे सीवर का पानी बहता रहता है। सड़के खराब होने जैसे समस्या हर घर के बाहर देखी जा सकती है। अपने इस घर के लिए तमाम नेता और अधिकारियों के चक्कर लगा चुके है लेकिन उनकी कोई मदद नही हुई तो इस बार उन्होंने चुनाव बहिष्कार का फैसला ले लिया।