Agra. शादी शुदा जिंदगी को 4 साल हो गए। इन 4 सालों में पति और ससुराली जनों ने लगभग 15 बार उसके साथ मारपीट की। मारपीट भी ऐसी कि पूरा शरीर ही तोड़ दिया। रिश्ता बचा रहे इसके लिए परिजनों ने मोज्जिज लोगों के साथ पंचायत की। इन 4 सालों में कई बार पंचायत भी हुई लेकिन मारपीट का सिलसिला फिर भी नहीं थमा। ईद के अगले दिन मारपीट की शिकार हुई पीड़िता को आज मेडिकल के लिए जिला अस्पताल लाया गया।
यह पूरा मामला मिढ़ाकुर कस्बे के है। अटूस निवासी इसुव ने चार साल पहले अपनी सबसे बड़ी बेटी शबनम (काल्पनिक नाम) की शादी मिढ़ाकुर निवासी चांद से की थी। शादी में खूब दान दहेज दिया और हैसियत से बढ़कर शादी की। शादी के कुछ दिन ठीक रहे लेकिन उसके बाद शबनम के साथ मारपीट शुरू हो गयी। चार साल पहले दहेज के लिए शुरू हुआ मारपीट का सिलसिला आज भी जारी है।
जिला अस्पताल इलाज और मेडिकल के लिए आई पीड़िता ने बताया कि ईद के अगले दिन विवाहिता के साथ एक बार फिर मारपीट की घटना दोहराई गई। पति के साथ सास और घर में मौजूद परिजनों ने मिलकर मारपीट की। दुपट्टे से गला घोंटने का प्रयास किया गया। मरणासन्न स्थिति में छोड़ा। परिजनों को जानकरी हुई तो वो ससुराल पहुचें और उसे वहाँ से लेकर आये। किरावली पुलिस चौकी पर शिकायत दर्ज कराई और फिर महिला थाने में भी प्रार्थना पत्र दिया जिसके बाद उसका मेडिकल हुआ।
पीड़िता ने बताया कि शादी को लेकर उसके भी सपने थे। शुरू में यह सपने पूरे होते दिख रहे थे लेकिन कुछ महीनों बाद वह टूट गए। पति ने शराब पीकर मारपीट शुरू कर दी। कमरे में रखे बक्से खंगालने लगे और पैसा मांगने लगे। उसके बाद सिलसिला जारी हो गया। अपने शादी शुदा रिश्ते को बचाने के लिए चार साल नरक जैसे बिताए। इन चार सालों में छोटे मोटे झगड़ो के बावजूद लगभग 15 बार उसके साथ ऐसी मारपीट की गयी जिससें पूरा शरीर ही टूट गया। मारपीट का सिलसिला रुक जाए इसके लिए कई बार पंचायत भी हुई लेकिन मारपीट का सिलसिला नही थमा। आज अपनी जिंदगी बचाने के लिए पुलिस की चौखट पर जाना पड़ा।
पीड़ित विवाहिता के पिता ने बताया कि वह मजदूरी करता है। शादी के बाद बेटी के साथ मारपीट हो रही है इसकी जानकारी बेटी ने नहीं दी। एक बार अधिक मारपीट किये जाने पर बेटी की स्थिति बिगड़ी तो उन्हें पूरी घटना की जानकरी हुई। बेटी को अतिरिक्त दहेज के लिए परेशान और मारा पीटा जा रहा था। उन्होंने कहा कि हैसियत से जायदा शादी में खर्च किया लेकिन फिर भी अतिरिक्त दहेज की मांग होने लगी। मोटरसाइकिल के साथ नगदी की डिमांड आने लगी। रिश्तेदारों के साथ कई बार बैठ कर पंचायत हुई लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा। बेटी को इंसाफ मिले इसके लिए पुलिस की मदद ली है।