• गलत हाथों में जाने से बचाई किशोरी
• चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट की शिकायत पर जीआरपी और आरपीएफ ने मुरैना में ट्रेन से कराया रेस्क्यू
• पिता की पिटाई से क्षुब्द होकर किशोरी ने छोड़ा था घर
यात्री की सतर्कता और चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट की पहल पर एक किशोरी गलत हाथों में जाने से बच गई। शोहदे उसे ट्रेन में परेशान कर रहे थे। जीआरपी और आरपीएफ ने उसे मुरैना में सुरक्षित रेस्क्यू किया। किशोरी के परिजनों को खोजा जा रहा है। उनके आने पर किशोरी को सुपुर्द कर दिया जाएगा।
बिना टिकट यात्रा कर रही थी किशोरी
शनिवार की सुबह आगरा कैंट स्टेशन पर पंजाब मेल में स्लीपर कोच में एक किशोरी सहमी हुई बैठी थी। ट्रेन छूटने के बाद जब यात्री समझ से सूचना मिली कि एक नाबालिग लड़की पंजाब मेल अकेली सफर कर रही है। वह किसी को कुछ नहीं बता रही थी। ट्रेन छूट चुकी थी। बच्ची से बात की तो उसने बताया कि घर से नाराज़ होकर ट्रेन में बैठ गई है। जीआरपी आगरा से बात की। तब तक ट्रेन आगरा पार कर चुकी थी। धौलपुर के आसपास थी। जीआरपी आगरा ने मध्यप्रदेश में संपर्क करने को कहा। इसके बाद जीआरपी भोपाल में संपर्क कर जानकारी दी। आरपीएफ को भी सूचना दी। इसके बाद रेल मंत्रालय, जीआरपी और आरपीएफ को ट्वीट किया। जिसके बाद किशोरी को मुरैना में सुरक्षित उतार लिया गया।
शोहदों से बचने को स्लीपर में चढ़ी
ट्रेन में बैठे यात्री डॉ लोकेश शर्मा ने चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट नरेश पारस को किशोरी की सूचना दी। वह किसी को कुछ नहीं बता रही थी। नरेश पारस ने फोन पर किशोरी की काउंसलिंग की तो उसने अपना नाम राखी बताया। उम्र लगभग 12 वर्ष है। पिता श्रीगंगा और मां का नाम निशा बताया। छोटा भाई सुरेश कक्षा तीन में पढ़ता है तथा खुद राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कक्षा सात में पढ़ती है। मूल रूप से मुंबई की रहने वाली है। पिता जलालाबाद पंजाब में मजदूरी करते हैं। वह अपनी मां के साथ पिता से मिलने पंजाब गयी थी। माता पिता में किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। मां की पिटाई कर दी जिस पर वह बापस मुंबई लौट गई। पिता राखी को भी प्रताड़ित कर रहे थे जिससे नाराज़ होकर राखी ने घर छोड़ दिया। किसी तरह दिल्ली पहुंची। जिसके बाद वह बिना टिकट पंजाब मेल ट्रेन में बैठ गई। जनरल बोगी में शोहदे उसे परेशान कर रहे थे। जिनसे बचने के लिए वह स्लीपर कोच में चढ़ गई।
वन स्टाप सेंटर में मिला आश्रय
नरेश पारस की शिकायत पर किशोरी को मुरैना स्टेशन पर रेस्क्यू करने के बाद उसे बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया। बाल कल्याण समिति ने उसे वन स्टाप सेंटर में आश्रय दिला दिया। सेंटर प्रभारी माधवी शर्मा ने नरेश पारस को बताया कि किशोरी लगातार रो रही है। वह अपना सही पता नहीं बता पा रही है। सामान्य होने पर उसकी काउंसलिंग की जाएगी। जिसके आधार पर उसके परिवार से संपर्क किया जाएगा। नरेश पारस ने कहा कि किशोरी के परिवार को खोजा जा रहा है। जल्दी ही परिजनों के सुपुर्द कराया जाएगा।