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मदरसों में भी पहुंचा बालिका सुरक्षा अभियान, कहा हमें भी दे आजादी

by admin

आगरा। हमें कमजोर समझा जाता है। उच्च शिक्षा लेने से रोका जाता है। लड़की होने का हवाला देकर हमें नजरअंदाज किया जा रहा है, यह कहना है मदरसों में पढ़ने वाली बालिकाओं का। जब बालिका सुरक्षा अभियान कवच की टीम मदरसे में पहुंची तो उन्होंने खूब सवाल जबाव किए और कहा कि समाज को मुस्लिम लड़कियों के प्रति धारणा बदलनी होगी तभी देश बदलेगा।

बालिकाओं के साथ हो रही घटनाओं के मद्देनजर बालिका सुरक्षा अभियान कवच की टीमें डिस्ट्रिक्ट एक्शन प्लान के मुताबिक स्कूलों में जाकर बालिकाओं को सुरक्षा के प्रति जागरूक कर रही हैं। इस लिस्ट में मदरसों का नाम शामिल नहीं थी। मास्टर ट्रेनर और महफूज संस्था के समन्वयक नरेश पारस ने कहा कि बालिकाएं कहीं की भी हों उनको सुरक्षा की जानकारी मिलनी चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए रविवार को वह शहीद नगर के ज्योति नगर स्थित मदरसा मदरसातुल बनात गुलशने बरकात में प्रशिक्षण देने पहुंचे।

उन्होंने 12 वर्ष से कम आयु की बच्चियों को सुरक्षित स्पर्श तथा असुरक्षित स्पर्श के बारे में बताया। 12 वर्ष से अधिक आयु की बालिकाओं को हेल्पलाइन नंबर 1098, 1090, 181 तथा 100 के बारे में बताया। उनको सोशल मीडिया और साइबर अपराध के बारे में भी जानकारी दी।

थाना ताजगंज के उपनिरीक्षक ललित भाटी ने बताया कि पुलिस ने डरें नहीं अपनी शिकायत दर्ज कराएं। उनकी हर शिकायत पर कार्यवाही की जाएगी। उनकी पहचान भी सार्वजनिक नहीं की जाएगी। पुलिस सदैव आपकी सुरक्षा के लिए तत्पर है।

वरिष्ठ उर्दू पत्रकार अजहर उमरी ने कहा कि समय बदल रहा है। मुसलमानों को भी अपनी सोच बदलनी होगी। वह लड़का लड़की में भेदभाव न करें। बालिकाओं को भी शिक्षित कराएं। उन्होंने अल्पसंख्यक बच्चों के लिए चल रही सरकारी योजनाओं की जानकारी दी।

प्रशिक्षण के बाद खुले सत्र में बालिकाओं ने पुलिस तथा विशेषज्ञों की टीम से खूब सवाल जबाव किए और पाॅवर एंजिल बनने की इच्छा जाहिर की। एक बालिका ने कहा कि सर मैं उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहती हूं लेकिन घरवाले कहते हैं कि लड़कियों का बाहर जाना प्रतिबंध है। धर्म इसकी इजाजत नहीं देता है। मैं आगे पढ़ना चाहती हूं जबकि भाई को बीटेक करा रहे हैं। एक बालिका ने कहा कि सर पापा मम्मी को बहुत मारते हैं। प्लीज कुछ कीजिए। अधिकांश बालिकाओं ने कहा कि पुलिस से डर लगता है इसलिए शिकायत नहीं करते हैं।

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