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यहां चंद रुपयों में होता है कोख़ का क़त्ल, सीएमओ के संज्ञान में आने के बाद भी नहीं हुई कार्यवाई

by admin

आगरा। ताजनगरी में कोख में बच्चों की जान लेने का खेल धड़ल्ले से फलफूल रहा है। यहाँ मात्र 2 से 4 हजार में झोलाछाप अजन्मों को मौत की नींद सुला देते हैं। यह हाल तब है जब प्रमुख सचिव स्वास्थ्य देवेश चतुर्वेदी आगरा आकर विभाग के पेंच कसकर गए हैं और कुछ अधिकारियों पर कार्यवाही की गाज भी गिराई गयी है।

आज हम खुलासा कर रहे हैं कोख में कत्ल करने वाले ऐसे ही एक झोलाछाप कत्लखाने का, जहां मात्र 3500 रुपये में बिना डिग्री और रजिस्ट्रेशन के घर में अस्पताल बनाकर जिंदगियों से खिलवाड़ कर धरती के भगवान को बेइज्जत किया जा रहा है।झोलाछाप के हाथ इतने लंबे हैं कि स्वास्थ्य विभाग भी उन्हें रोकने की हिमाकत नही कर पा रहा है।

आवास विकास कॉलोनी, पानी की टंकी के पास एक घर में घरेलू अस्पताल खोल रखा है जहाँ छोटी मोटी बीमारी से लेकर डिलीवरी और गर्भपात जैसे काम भी कर दिए जाते हैं। जब हमने अस्पताल की हकीकत जानने का प्रयास किया तो यहां का जो नजारा हमारे गुप्त कैमरे में कैद हुआ वो मानवता की आत्मा को झकझोर देने वाला था।

घर का दरवाजा खटखटाने पर पूनम नामक एक 45 वर्षीया महिला सामने आई। युवती ने गर्भ ठहरने की आशंका जताते हुए महिला से बात की तो महिला ने पहले टेस्ट किट का इस्तेमाल किया और निगेटिव आने पर उसे एक पैथोलॉजी के पर्चे पर अल्ट्रासाउंड लिख दिया। अंदर का माहौल देखते ही संवाददाता भी सहम गया। क्योंकि घर में एक रिसेप्शन बना था जहां से महिला दवा देती थी और अंदर तीन कमरों में तीन-तीन बेड के अस्पताल बनाये हुए थे।

जब उससे डॉक्टरी पर्चे के बिना अल्ट्रासाउंड न होने के बारे में पूछा गया तो उसने सिर्फ पर्चा दिखाने पर अल्ट्रासाउंड हो जाने की बात कही और अपनी सेटिंग होना बताया। बात यहीं नही खत्म हुई। जब उससे आगे की बात की गई तो उसने 3500 रुपये में गर्भपात कर देने की बात कही और साथ ही आज ही अपने घरेलू अस्पताल में एक डिलीवरी कराने की बात बताई। महिला ने अपने इस काम मे पुष्पा नाम की एक आशा के शामिल होने की भी बात कही। जब उससे पूछा गया कि ऑपरेशन कौन करेगा तो उसने खुद करने की बात कही और बेहोशी की बात पूछी तो एनेस्थीसिया भी खुद ही देने का जवाब दिया। महिला के बारे में पता किया तो उस पर कोई डिग्री नही है और न ही उसके अस्पताल का कोई नाम और रजिस्ट्रेशन ही है। इसके बाद भी घर पर अस्पताल चल रहा है।

इस बारे में जब आगरा सीएमओ मुकेश वत्स से बात की गई तो उन्होंने तत्काल उसके पते की जानकारी की और कार्यवाही की बात कही है, हालांकि उनके द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई जिस कारण कहीं न कहीं स्वास्थ्य विभाग के झोलाछापों से गठजोड़ की ओर शक जाना लाजमी है।

फिलहाल न जाने ऐसे कितनी पूनम और पुष्पा इस गलीच काम को कर अपनी जेब भर रही हैं और नुकसान उठाने वाले लोग प्रशाशन की कार्यवाही का इंतजार करते रह जा रहे हैं।

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