कोरोनाकाल में इम्यूनिटी लेवल का सही महत्व लोगों को समझ आने लगा है। जो लोग आज भी इस संकटकाल और महामारी के दौर में संक्रमण से अपनी सुरक्षा करना चाहते हैं या फिर इम्यूनिटी लेवल को बढ़ाना चाहते हैं तो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं यह जानना बेहद जरूरी है। दरअसल आपने कई बार देखा होगा कि कुछ लोग देखने में एकदम तंदुरुस्त लगते हैं लेकिन मौसम का रुख़ बदलते ही उन्हें खांसी जुखाम बुखार जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
इन समस्याओं का उत्पन्न होना यह साफ संकेत देता है कि उन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता ठीक नहीं है। हालांकि प्रकृति द्वारा जीवित शरीर में एक ऐसी व्यवस्था बनाई गई है जो उसे जीवाणु, विषाणु और माइक्रोब्स आदि से बचाने में सहायक होती है या कह सकते हैं कि उनसे लड़ने में बिल्कुल सक्षम होती है। इसी क्षमता को रोग प्रतिरोधक क्षमता या इम्यूनिटी लेवल कहते हैं।
आपको बता दें कि जिन लोगों की इम्युनिटी मजबूत रहती है, वे लोग रोगाणु, विषाणु और संक्रमण से लड़ने में इस कदर सक्षम होते हैं कि रोगाणु उनके शरीर के अंदर पहुंच कर भी उनको नुकसान नहीं पहुंचा पाते। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है तो इसका असर सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार आदि से सबसे पहले असर दिखाई देता है और अगर इन समस्याओं का उन्हें बार-बार सामना करना पड़ रहा है तो इसका कारण यही है कि उनका इम्यूनिटी लेवल खराब है। जैसा कि आप सब जानते ही हैं कि सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है और यह मौसम प्रतिरोधक क्षमता का परीक्षण करने के लिए अनुकूल मौसम होता है।
कमजोर इम्यूनिटी लेवल के कारण क्या हो सकते हैं, हम आपको आगे बताने वाले हैं। अगर आपके अंदर भी हैं ये लक्षण हैं तो हो सकता है कि आपका इम्यूनिटी लेवल कमजोर हो ।
- अनावश्यक रूप से शरीर में चर्बी का जमा होना।
- वजन ज्यादा कम होना
- फास्टफूड, जंकफूड और तेलीय पदार्थों का ज्यादा सेवन।
- शरीर को उचित पोषण तत्व न मिल पाना।
- धूम्रपान, शराब, ड्रग आदि का सेवन।
- दर्द निवारक गोलियां या फिर एंटीबॉयोटिक आदि दवाओं का लंबे समय तक इस्तेमाल करना।
- ज्यादा समय तक अवसाद में रहना।
- लंबे समय तक कम नींद लेना अथवा अनावश्यक रूप से देर तक सोना।
- शारीरिक श्रम का अभाव।
- प्रदूषित वातावरण में लंबे समय तक रहना।
दरअसल आपको बता दें कि बचपन और बुढ़ापे में इम्यूनिटी लेवल सामान्य तौर पर कमजोर होता है, पर कई बार खराब जीवनशैली के चलते युवाओं में भी कमजोर इम्यूनिटी लेवल देखा जाता है। यदि गर्भवती स्त्री का खान-पान ठीक न हो तो होने वाले बच्चे की भी रोगप्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने की संभावना बनी रहती है। ‘अमेरिकन जनरल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रीशन’ में छपे शोध के अनुसार 100 ग्राम या इससे ज्यादा शुगर खा लेने की स्थिति में श्वेत रुधिर कणिकाओं या डब्ल्यूबीसी की रोगाणुओं को मारने की क्षमता 5 घंटे तक के लिए कमजोर पड़ जाती है।बताया जाता है कि पानी के अभाव में भी इम्युनिटी लेवल कमजोर हो जाता है। क्योंकि शरीर में पानी की कमी के चलते मौजूद विजातीय तत्व शरीर से बाहर निकाल पाना मुश्किल हो जाता है।
गौरतलब है कि इम्यूनिटी लेवल को बढ़ाने के लिए सबसे सस्ता और सबसे अच्छा उपाय है ज्यादा से ज्यादा पानी पीना। अलावा इसके रात को समय से सोना और सुबह नींद पूरी कर जल्दी उठना। लहसुन, अदरक और विटामिन सी से भरपूर फल खाने से इम्यूनिटी लेबल तंदुरुस्त रहता है। धूप लेना, कसरत और व्यायाम करना इम्यूनिटी लेवल को बढ़ाने के लिए बेहद जरूरी है। कुल मिलाकर यदि बात की जाए तो अपनी जीवनशैली में बदलाव कर उचित जीवन शैली को अपनाने से इम्यूनिटी लेवल विकसित किया जा सकता है।