कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन को धन त्रयोदशी या धनवंतरि जयंती भी कहा जाता है। इस दिन कुछ नया खरीदने की परंपरा है। खासतौर पर इस दिन पीतल या चांदी के बर्तन खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। भगवान धनवंतरि को विष्णु का रूप माना जाता है जो हाथ में अमृत कलश धारण किये होते हैं। इन्हें पीतल पसंद है इसलिए धनतेरस को पीतल या अन्य किसी धातु के सामान खरीदे जाते हैं। आरोग्य के देवता धनवंतरि और धन के देवता कुबेर की पूजा धनतेरस के दिन की जाती है। मान्यता है कि इस दिन खरीदी जाने वाली चीजें धन समृद्धि को बढ़ाती हैं
इस बार धनतेरस का त्योहार बहुत खास है क्योंकि इस दिन कई ऐसे योग बन रहे हैं जो इस दिन की महत्ता को और बढ़ाने वाले हैं। इस बार आप धनतेरस के दिन जो भी खरीदारी करेंगे, उसका महत्व दोगुना हो जाएगा। आइए जानते हैं इन खास संयोगों के बारे में
इस बार धनतेरस 12 व 13 नवंबर दोनों दिन पड़ रही है लेकिन प्रमुख ज्योतिष आचार्यों की माने तो 13 नवंबर यानि शुक्रवार का दिन धनतेरस के लिए ख़ास है। शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी का दिन माना जाता है। इस दिन खरीदारी करना बहुत शुभ होगा और लोगों पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा रहेगी। इसके अलावा इस बार धनतेरस के दिन हनुमान जयंती भी पड़ने के कारण इस दिन का महत्व और बढ़ गया है। शाम 5 बजकर 28 मिनट से लेकर 5 बजकर 59 मिनट के बीच पूजा का शुभ मुहूर्त है। इन 30 मिनट के समय को धनतेरस की पूजा के लिए अच्छा समय माना गया है। भगवान धनवंतरि की पूजा इस समयकाल के दौरान की जा सकती है।
धनतेरस के दिन चित्रा नक्षत्र और आयुष्मान योग भी बन रहा है। धनतेरस के दिन आयुष्मान योग में भगवान धनवंतरि की पूजा करना बहुत फलदायी माना गया है। इस बार धनतेरस पर मृदु और मित्र संज्ञक नक्षत्र का योग बन रहा है। इस नक्षत्र में सोना, चांदी और बर्तन खरीदना बहुत शुभ रहेगा।
लोहे को शनि का कारक माना जाता है इसलिए धनतेरस के दिन लोहा नहीं खरीदना चाहिए। वहीं सोने, चांदी और बर्तनों के अलावा मिट्टी के दीपक खरीदना भी आज के दिन अच्छा माना जाता है।
कहते हैं कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन भगवान समुद्र मंथन के दौरान भगवान धनवंतरि अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। यह भी मान्यता है कि चिकित्सा विज्ञान के प्रसार के लिए भगवान धनवंतरि ने अवतार लिया था। धनवंतरि को भारत सरकार का आयुष मंत्रालय राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाता है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक़ धनतेरस के दिन लक्ष्मी पूजन करने से धन-धान्य की कमी नहीं होती और लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा भी इस दिन घर में लानी चाहिए। धनतेरस के दिन संध्याकाल में दीपक जलाने की भी प्रथा है। इसे यम दीपक कहते हैं जो यमराज के लिए जलाया जाता है जिससे अकाल मृत्यु को टाला जा सके।
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