आगरा। रविवार को पैगम्बर हजरत मोहम्मद के दुनिया में अवतरित होने का पर्व जश्न-ए ईद मिलादुन्नबी को मुस्लिम भाइयों ने शहर में धूमधाम से मनाया गया। इस पर्व की खुशी में शहर के कई इलाकों में भव्य जुलूस निकाला गया जिसमें बुजुर्गों के साथ साथ बच्चों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। सभी के हाथों में झंडे थे तो जुबाँ पर खुदा का नाम था। इस धार्मिक कार्यक्रम की आड़ में असामाजिक तत्व शहर की फिजा न खराब कर दे इसलिए पुलिस बल भी इस जुलूस के साथ रहा।
शहर में मिलादुन्नबी का जश्न धूमधाम के साथ मनाया गया लेकिन इस बार इस जश्न के मौके पर शाही जामा मस्जिद और न्यू आगरा करबला से निकलने वाले दो बड़े जुलूस को नहीं निकाला गया। यह पहली बार हुआ है कि बारावफात के अवसर पर ये भव्य जुलूस नहीं निकले। बताया जाता है कि शनिवार को राम मंदिर के फैसले आने के बाद मुस्लिम संगठनों की बैठक हुई जिसमें शहर के चैन-अमन को कायम रखने के लिए दो बड़े जुलूसों को सर्व सम्मति से न निकालने का फैसला लिया गया लेकिन पूरे शहर में छोटे जूलूस जरूर निकलेंगे।
मुस्लिम समाज के लोगों ने बताया कि जामा मस्जिद से इस बार जुलूस नही निकाला गया लेकिन जौहर की नमाज में समाज के लोग पहुँचे और सभी ने मिलकर नमाज अदा करके अमन की दुआ मांगी है। आगरा करबला से निकाले जाने वाले जुलूस के संयोजक हाजी अबरार हुसैन ने बताया कि बैठक में फैसला होने के बाद उन्होंने भी जुलूस नहीं निकाला लेकिन वो बारावफात मानने के लिए अबु उलाह की दरगाह पहुँचे और चादरपोशी कर देश में अमन चैन की दुआ मांगी है।