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जनकपुरी आयोजन बना अखाड़ा, देखिए विधायक ने किसको कहा रावण

by pawan sharma

आगरा। पूरे उत्तर भारत का आगरा का सुप्रसिद्ध आयोजन जनकपुरी महोत्सव अब विवादों से घिर गया है। भगवान श्री राम के काम और नाम पर संकटों के बादलों ने डेरा डाल लिया है। दरअसल जनकपुरी महोत्सव में पांच अध्यक्ष बनाए जाने पर आगरा शहरी लोकसभा के सांसद और एससी आयोग के चेयरमैन प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया ने टांग फसा दी है। विवाद में सांसद राम शंकर कठेरिया के कूदने के बाद अब दोनों ओर से आर पार और आमना-सामना देखा जा रहा है।

सांसद रामशंकर कठेरिया ने दो टूक शब्दों में कह दिया है कि जनकपुरी महोत्सव में पांच अध्यक्ष नहीं। अध्यक्ष एक ही होगा और अगर पांच अध्यक्ष हुए तो 5 हनुमान भी होंगे।

दूसरों की नैया पार करने वाले त्रेता के अवतारी भगवान श्री राम आज खुद विवादों से घिरे अपने कमेटी के लोगों की विचारधारा से दुखी हैं। आगरा के विजय नगर में सजने वाली जनकपुरी महोत्सव में वाद विवाद शुरू हो गया है। इस मौके पर जनकपुरी महोत्सव समिति के अध्यक्ष और आगरा के विधायक जगन प्रसाद गर्ग से जब बात की गई तो जगन प्रसाद गर्ग ने दो टूक शब्दों में कहा कि पहले आयोजन समिति ने राकेश गर्ग को अध्यक्ष बनाए जाने का निमंत्रण दिया था और प्रस्ताव ठुकराने पर रामलीला कमेटी ने 5 अध्यक्ष बनाए जाने का फैसला किया है ।

बात इतनी होती तो भी गनीमत थी। भगवान राम का काम करने वाले लोग अब अपनी सीमाएं लांघ रहे हैं। शालीनता से बात करने वाले लोग अब आमने-सामने ऊंचे लहजे में भी बात करने लगे हैं। आगरा का जनकपुरी महोत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष विधायक जगन प्रसाद गर्ग ने कहा कि जो लोग राम के काम में विवाद डाल रहे हैं या फिर जो लोग राम के काम में टांग अड़ा रहे हैं वह रावण से कम नहीं है। यानी जगन प्रसाद गर्ग ने टांग फसाने वालों को रावण कह दिया है और जगन प्रसाद गर्ग ने यह भी कहा कि त्रेता के रावण का अंत हुआ तो कलयुग के रावण का भी विध्वंस होगा।

काम अभी शुरू हुआ नहीं कि संकट के बादल घिरने लगे हैं। अध्यक्ष पद की लड़ाई अब प्रतिष्ठा तक पहुंच चुकी है। एक तरफ से रावण की संज्ञा दी जा रही है तो दूसरी तरफ आगरा शहर के सांसद प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया कहते हैं कि नहीं जगन प्रसाद गर्ग पार्टी के पुराने विधायक हैं। सीनियर लीडर हैं। उनसे बात कर ली जाएगी और समझाने का प्रयास किया जाएगा। मगर अध्यक्ष एक ही होगा।

ऐसा पहली बार हो रहा है। जब जनकपुरी 5 अध्यक्ष हो और अगर पांच अध्यक्ष हुए तो पांच हनुमान भी होंगे। यानी दोनों लोग भी अपनी अपनी बातों पर अडिग है। कोई रावण कहता है तो कोई पांच अध्यक्ष हटाकर एक अध्यक्ष बनाने की बात कहता है। प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया ने रावण कहने वाले के लिए कहा कि जिन लोगों में ताकत नहीं होती वह ऐसे ही भाषा का इस्तेमाल करते हैं।

फिलहाल उत्तर भारत का सुप्रसिद्ध आयोजन आगरा का जनकपुरी महोत्सव अब दंगल का रूप ले चुका है। दोनों ओर से पहलवान ताल ठोक रहे हैं। अगर पांच अध्यक्ष हुए तो 5 हनुमान होंगे और त्रेता में रावण का अंत हुआ तो कलयुग में भी रावण का विध्वंस होगा। पर अब देखना होगा के अध्यक्ष पद के लिए प्रतिष्ठा लड़ाए बैठे दोनों पहलवानों में से इस जनकपुरी के दंगल में किस पहलवान की जीत होती है।

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