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250 निजी चिकित्सकों को दी गयी इन्फेक्शन प्रिवेंटिव ट्रेनिंग, आइसोलेशन वार्ड में देंगे सहयोग

by admin

आगरा। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए आगरा के निजी चिकित्सालयों के चिकित्सकों को इन्फेक्शन प्रिवेंटिव कंट्रोल के लिए ट्रेनिंग दिलायी जा रही है। एक बार में 13 से 25 लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा। सीएमओ आगरा की देखरेख में ट्रेनिंग दे रहे। अभी तक 250 से ज्यादा निजी चिकित्सकों की ट्रेनिंग दी जा चुकी है। प्रत्येक प्रशिक्षण में 13 चिकित्सक शामिल हो रहे हैं।

आगरा में कोरोना के खतरे से निपटने के लिए निजी अस्पतालों के चिकित्सकों को ट्रेनिंग दी जा रही है। यह सभी आईसोलेशन वार्ड में काम करने वाले डाक्टरों के सहयोगी बनेगे। ट्रेनिंग के बाद आइसोलेशन वार्ड में काम करेंगे। जितने लोग ट्रेनिंग ले रहे हैं वह संक्रमित मरीजों की देखभाल करेंगे, उनका ट्रीटमेंट करने में सहयोग करेंगे। ट्रैनिंग के नोडल अफसर डा. पीके शर्मा बनाए गए हैं। 

सीएमओ ने बताया कि कोराना संक्रमण की रोकथाम के लिए निजी चिकित्सक लगातार मदद कर रहे हैं। सभी निजी चिकित्सालय व नर्सिंग होम संचालन के लिए ये प्रशिक्षण अनिवार्य कर दिया गया है। प्रशित्रण लेने के उपरांत ही ये चिकित्सक अपने अस्पताल में चिकित्सा सेवाएं सुचारू कर पाएंगे।   

इन्फेक्शन प्रिवेंटिव कंट्रोल ट्रेनिंग के लिए सीएमओ स्तर से टीम गठित की गयी है। इसमें नोडल अफसर डा. पीके शर्मा के अलावा एसीएमओ डा. चंदेल, एसएमओ अमृतांशु, यूनिसेफ के डा. अतुल भारती, डा. राम विपुल को रखा गया है। ये सभी हर रोज सफलतापूर्वक प्रशिक्षण दे रहे हैं। प्रशिक्षण में प्रोजेक्टर पर समझाया जा रहा है कि यदि उनके यहां कोई मरीज कोराना के लक्षण वाला आता है तो उस स्थिति में क्या करना है। स्वास्थ्य विभाग को तत्काल सूचित करना है। कोरोना के मरीज को छुपाना नहीं है।

इन्फेक्शन प्रिवेंटिव कंट्रोल ट्रेनिंग पहले चरण में बड़े चिकित्सालयों के चिकित्सकों की करायी जा रही है। फिलहाल ट्रेनिंग पाए जितने भी चिकित्सक व चिकित्साकर्मी आइसोलेशन वार्ड में कार्य कर रहे है, वे सभी सुरक्षित हैं। ये  ट्रेनिंग लगातार चल रही है। प्रशिक्षण देने के दौरान सभी को पीपीई किट पहनने तथा अपनी सुरक्षा आदि के बारे में बताया जा रहा है। प्रोजेक्टर पर निजी चिकित्सकों को अवगत कराया जा रहा है कि उनके अस्पताल में यदि संदिग्ध मरीज आता है तो उसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को देने के बाद उस संदिग्ध मरीज का कैसे इलाज करना है।

ट्रैनिंग के नोडल अफसर डा. पीके शर्मा ने बताया कि जितने लोग ट्रेनिंग ले रहे हैं, सब संक्रमित मरीजों को देखेंगे। उनका ट्रीटमेंट करेंगे। लगातार एक मार्च से ट्रेनिंग के बाद स्वास्थ्य कर्मी काम कर रहे हैं, फिर भी सुरक्षित हैं। यह ट्रेनिंग की अच्छाइया हैं।

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