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‘शहीद के परिवार के साथ अभद्रता पूरे देश के शहीदों का अपमान है’ – जयंत चौधरी

by admin
'Indecency with the family of the martyr is an insult to the martyrs of the whole country' - Jayant Chaudhary

Agra. सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने जा रही शहीद कौशल रावत की पत्नी को पुलिस हिरासत में लिए जाने के बाद सोशल मीडिया पर किरकिरी हो रही है तो विपक्ष भी हमलावर है। इस बीच मंगलवार को राष्ट्रीय लोकदल रालोद के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने आगरा आकर पुलवामा शहीद कौशल किशोर रावत के परिजनों से मुलाकात की। इन दौरान उन्होंने शहीद के परिजनों से उनकी समस्या जानी और उनकी लड़ाई में पार्टी के उनके साथ खड़े होने का आश्वासन भी दिया। इस दौरान पत्रकारों से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि शहीद की पत्नी और परिवार के साथ सरकार ने जो अभद्रता की है वह शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि सरकार ने शहीद के परिवार के साथ आतंकियों और अपराधियों से जैसा व्यवहार किया है। यह सिर्फ शहीद कौशल का ही नहीं बल्कि देश के साथ हर शहीद का अपमान है जो देश की रक्षा करते हुए कुर्बान हुआ है।

शहीद कौशल को किया नमन –

रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी शहीद के परिजनों से मिलने से पहले शहीद की प्रतिमा पर पहुँचे, जहाँ उन्होंने शहीद कौशल को नमन किया और फिर उनके परिवार से मिलने के लिए घर पहुँचे। रालोद अध्यक्ष ने शहीद के हर परिवार से मुलाकात की और उनके सुख दु:ख को जाना, साथ ही भाजपा सरकार में उनके साथ हुए दुर्व्यवहार की निंदा की। वहीँ अपने पति के सम्मान के लिए लड़ी वीरांगना ममता रावत की सराहना भी की।

शहीद की पत्नी से जानी पूरी घटना –

रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने शहीद की पत्नी ममता रावत से वार्ता कर पूरी घटना की जानकारी ली। वीरांगना ने बताया कि किस तरह से उनके साथ वादा खिलाफी की गई है। कौशल की शहादत को लगभग ढाई साल होने को है लेकिन सरकार ने एक भी वायदा पूरा नहीं किया। कौशल की शहादत के दौरान भाजपा के जनप्रतिनिधि आये, कई घोषणाएं करके गए लेकिन न ही घोषणाएं पूरी हुई और न ही वो वापस मिलने के लिए आये। शहीद के नाम पर इकट्ठा की गई धनराशि के लिए उन्हें धरना देना पड़ा। डिप्टी सीएम दो दिन आगरा में रहे लेकिन उन्हें मिलने तक का समय नहीं मिला जबकि वो राज भोग का आनंद लेते रहे। किरकिरी होने के बाद डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने उनसे फोन पर बात कर 20 जुलाई तक सभी मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया था। इसके बाद डीएम और एडीएम द्वारा उनसे मांग पूरी होने के कागज पर हस्ताक्षर करवा लिए मगर अभी तक केवल स्कूल का नाम शहीद के नाम पर रखा गया है और शहीद के नाम से प्रवेश द्वार का काम शुरू हुआ है। इसके अलावा न शस्त्र लाइसेंस दिया गया, न ही जमीन आवंटित हुई। जबकि पुलवामा के दूसरे शहीदों के परिजनों को सरकार जमीन आवंटित कर चुकी है। बिजली कनेक्शन और चौराहे का नामकरण भी नहीं किया गया। शहीद की पत्नी ने बताया कि, अब अधिकारी भी उनका फोन नहीं उठाते हैं। दूसरे नंबर से फोन करने पर आवाज सुनते ही फोन काट देते हैं।

7 दिन में मांगे पूरी नही तो रालोद करेगी आंदोलन-

चौधरी जयंत ने कहा कि यह शहीद का ही नहीं पूरे देश का अपमान है। उन्होंने शहीद परिवार को भरोसा दिलाया कि से उनकी पार्टी साथ खड़ी है। अगर सात दिन में प्रशासन ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो रालोद की स्थानीय इकाई डीएम कार्यालय का घेराव करेगी। जयंत चौधरी ने कहा कि शहीद परिवार की बात सुनकर ऐसा लगता है कि सरकार ने जो वादे उनसे किए अब वो उन्हें पूरा नहीं करना चाहती है। इन्हें केवल लिखा-पढ़ी में उलझाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री से मिलने जाने पर किया अपराधियों जैसा सलूक –

जयंत चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री पार्टी की बैठक में भाग ले सकते हैं। उप मुख्यमंत्री पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने और उनके घर भोजन के लिए जा सकते हैं लेकिन शहीद कौशल के परिवार से मिलने का समय नहीं है। मुख्यमंत्री के आगरा में होने पर भी उन्हें मिलने नहीं दिया बल्कि थाने में बैठाकर उनके साथ आतंकियों और अपराधियों जैसा व्यवहार किया गया। इससे परिवार में नाराजगी है। उन्होंने कहा कि जो भी पुलवामा के शहीदों की कद्र करता है। उनको सरकार के इस व्यवहार से चोट पहुंची है। यह देश का अपमान है।

राष्ट्रपति को लिखेंगे पत्र, राज्यपाल से भी मिलेंगे –

जयंत चौधरी ने कहा कि अगर सात दिन में प्रशासन शहीद के परिवार की मांगों को पूरा नहीं करता है, तो रालोद की स्थानीय इकाई डीएम कार्यालय का घेराव करेगी। इस मामले में वे बुधवार को राष्ट्रपति को पत्र लिखेंगे और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल से भी मिलने का समय मांगेंगे।

भाजपा के किसी नेता से नहीं कराएंगे अनावरण –

शहीद के बेटे अभिषेक ने कहा कि उनके पिता की प्रतिमा का अनावरण भी अभी तक नहीं हुआ है। अब उनके परिवार ने निर्णय किया है कि वे भाजपा के किसी भी नेता से प्रतिमा का अनावरण नहीं कराएंगे। इसके बजाय वे सेना के अधिकारी या किसी अन्य दल के नेता से अनावरण कराएंगे।

फरवरी 2019 में शहीद हुए थे आगरा के कौशल कुमार-

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में फरवरी 2019 में हुए आतंकी हमले में आगरा के सीआरपीएफ के जवान कौशल कुमार रावत समेत 30 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद सरकार ने शहीद के परिवार से कई वादे किए थे। परिवार का आरोप है कि सरकार ने आज तक कोई वादा पूरा नहीं किया है। इसको लेकर परिवार धरने पर भी बैठ चुका है।

चुनाव की वजह नहीं, सामाजिक दायित्व निभाने आया हूं-

जयंत चौधरी से जब पूछा गया कि चुनाव नजदीक आने के चलते वो शहीद के परिवार से मिलने आए हैं, तो उन्होंने कहा कि की मुझे जानकारी नहीं थी कि सरकार ने इनसे जो वादे किए थे वो पूरे नहीं किए। जब मुझे जानकारी हुई तो मैं परिवार से मिलने आ गया। यह बहुत गंभीर मामाला है। अपने पिताजी के निधन के बाद दूसरी बार किसी कार्यक्रम में आया हूं। पहली बार किसान संसद में गया था, दूसरी बार यहां आया हूं। क्योंकि यह एक परिवार का मामला नहीं बल्कि पूरे देश का मामला है।

कपड़े का रंग अलग और सोच अलग –

रालोद अध्यक्ष का कहना था कि भाजपा वालों के कपड़े का रंग अलग है और सोच अलग है इसलिए तो एक शहीद के परिवार के साथ ऐसा सलूक किया जा रहा है। अगर यह घटना किसी और सरकार में होती तो भाजपाई सड़को पर हंगामा कर रहे होते। भाजपाई अपने गुणगान के लिए सर्जिकल स्ट्राइक का जश्न मना सकते है लेकिन देश की रक्षा में शहीद हुए जवान के परिवार से किये हुए वायदे नहीं निभा सकते।

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