आगरा। अब कपड़ा भारत में निर्मित हो रहा है। महाराष्ट्र और गुजरात इसके सबसे बड़े केन्द्र बन रहे हैं। कोरोना से पहले 80 फीसदी कपड़ा अमेरिका, चाइना और ताइवान से आयात किया जाता था। मात्र 20 फीसदी ही भारत में निर्मित होता था। अब आयात कपड़े का प्रतिशत घटकर 40 फीसदी रह गया है। भारत में 60 फीसदी कपड़ा निर्मित हो रहा है। कपड़ा उद्योग के लिए यह खुशखबरी है। इतना ही नहीं बारत में निर्मित कपड़े को अन् देशों में निर्यात भी किया जा रहा है। 90 पीसदी कॉटन का कापड़ा भारत से अन्य देशों में निर्यात हो रहा है।
यह जानकारी आगरा रेडीमेड गारमेंट्स एसोसिएशन द्वारा होटल हावर्ड प्लाजा में आयोजित तीन दिवसीय दिवसीय ऑटम विन्टर कलेक्शन फेयर 2023 (AUTUME WINTER COLLECTION फेयर 2023) में दूसरे दिन आयोजन समिति के सुनील जैन, शैलेष खंडेलवाल, गौरव जैन, मुकेश सभरवाल, डीके भसीन ने दी।
आयोजित प्रदर्शनी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कपड़ों में वेलवेट लुक का चलन बढ़ा है। इंडोवेस्टर्न की ज्यादा मांग है। प्रदर्शनी में 80 स्टॉल लगी है, जिसमें बैंगलोर, लुधियाना, इंदौर, मुम्बई, कलकत्ता, सहित आगरा के मैन्यूफैक्चरर ने स्टॉलें लगाई हैं। प्रदर्शनी का समापन 26 जुलाई को दोपहर 3.30 बजे उप्र उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष गिर्राज अग्रवाल करेंगे।
इस अवसर पर मुख्य रूप से मुकेश सवरवाल, विजय मल्होत्रा, राकेश अग्रवाल, मनोज अग्रवाल, सचिन जैन, विजय कुमार, रवि, हेमंत लोहिया, धीरज जैन, विकास मेहता, ऋषभ माहेश्वरी, अमित मंशानी,योगेश दुबे, महेन्द्र सिंह राठौर, गौरव अरोड़ा, अमित अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।