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विशेष अधिवेशन में पार्षदों के हंगामे के बीच इतने गाँव निगम सीमा में शामिल

by admin

आगरा। नगर निगम की सीमा बढ़ाये जाने को लेकर नगर निगम में विशेष अधिवेशन बुलाया गया था लेकिन पार्षदों ने इस पुनर्विचार प्रस्ताव पर हंगामा कर दिया। इस भारी हंगामे के बीच सपा सरकार में लाया गया सीमा विस्तार का प्रस्ताव संशोधन के बाद पारित हुआ। प्रस्ताव के तहत 40 गांवों को आगरा नगर निगम की सीमा में शामिल किया जाना था लेकिन सहमति सिर्फ 7 गांवों पर बनी है। पार्षदों की सहमति के बाद महापौर नवीन जैन ने सदन में पारित हुआ प्रस्‍ताव शासन को भेजने की बात कही।

सोमवार दोपहर को सीमा विस्तार को लेकर नगर निगम में विशेष सदन शुरु होते ही सीमा विस्‍तार प्रस्‍ताव पर पार्षदों ने विरोध दर्ज कराना शुरु कर दिया था। एक एक करके अधिकतर पार्षदों ने तीखी प्रतिक्रियाएं देना शुरू कर दिया है और विरोध होने लगा। महापौर नवीन जैन ने पार्षदों के विरोध देखते हुए इस प्रस्ताव को लेकर दस मिनट के लिए सदन को स्‍थगित करना पड़ा था।

आपको बताते चले कि सन 2016 में तोरा, कलाल खेड़िया, कहरई, चमरोली, रोहता, नैनाना जाट, बाबरपुर मुस्तक़िल, दहतौरा, अवधपुरी, शास्त्री पुरम, नगला अलवतिया समेत 40 गांवों को नगर निगम की सीमा में लाने का प्रस्‍ताव तैयार किया गया था। इसी प्रस्ताव को लेकर सोमवार को नगर निगम का विशेष सदन बुलाया गया था। सदन की शुरुआत में ही सबसे पहले पार्षद रवि माथुर ने सीमा विस्तार का विरोध किया और फिर उसके बाद पार्षद राकेश जैन, रवि शर्मा, राहुल चौधरी, रणबीर सिंह और मनोज सोनी ने यह कहते हुए विरोध किया कि पहले से ही नगर निगम में 100 वार्ड हैं, उन्ही की सफाई और विकास नही हो पा रहा है। अग़र सीमा विस्तार किया गया तो नए वार्डों का क्या होगा और उन वार्डो की सफाई के लिए कर्मचारी कहांं से आएंगे। अभी तो शहरवासी अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर नगर निगम आते है। सीमा विस्तार के बाद देहात से ग्रामीण टैक्टर ट्राॅॅलियों में भरकर आएंगे और नगर निगम में हंगामा करेंगे।

पार्षदों ने कहा कि बिना जांच और कार्रवाई के 40 गांवों को जोड़ने की कवायद की जा रही है। 40 गांव आगरा से जुड़ने लायक नहींं हैं। बिना किसी अध्ययन के और गलत तरीके से प्रस्‍ताव बनाया गया। नगर निगम में संसाधन का अभाव है।

कुछ देर के बाद दोबारा सदन आरंभ हुआ। गर्मागर्म बहस चलती रही और इस बीच सहमति बनी कि 7 गांवों को अभी नगर निगम सीमा क्षेत्र में शामिल किया जाए। इस सदन के दौरान नगर निगम में तोरा, कलाल खेड़िया, कहरई, चमरौली, बाबरपुर मुस्तिकल, दहतौरा, अवधपुरी, शास्त्रीपुरम के साथ यूपीएसआईडीसी सिकंदरा क्षेत्र शामिल किया गया है।

नगर निगम के नये परीसीमन के बाद गांव के प्रधान अब शहर के सभासद कहलायेंगे क्योंकि नये परिसीमन के बाद गांव प्रधान प्रधानी का चुनाव नही लड़ पाएंगे बल्कि उन्हें नगर सीमा के अंर्तगत अब पार्षद का चुनाव लड़ना होगा।

महापौर नवीन जैन का कहना है कि निगम के विशेष सदन में सभी पार्षदों ने नगर निगम की सीमा से सटे 7 गांव को शामिल किया गया है। सदन में पास हुए इस प्रस्ताव को शासन को भेजा जाएगा।

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