आगरा। बहुजन समाज पार्टी ने 24 घंटे के भीतर अपना दूसरा प्रत्याशी मैदान में उतार दिया है। 15 दिन के बीच में बसपा का यह तीसरा प्रत्याशी है जो नीला झंडा उठाने का दम भर रहा है। पिछले 10 साल से फतेहपुर सीकरी में हर व्यक्ति के क्षेत्र में बसपा का चेहरा बने रामवीर उपाध्याय और उनकी पत्नी सीमा उपाध्याय 10 मार्च को मैदान छोड़ दिया था जिसके बाद पार्टी की लंबी जद्दोजहद के बाद 18 मार्च को राजवीर सिंह का नाम घोषित किया गया।
राजवीर ने 25 मार्च को नामांकन दाखिल तो कर दिया लेकिन उसी समय से कयास लगाए जा रहे थे कि राजवीर भी बदले जाएंगे। हालांकि पार्टी के नेता राजवीर के नाम पर दम भरते रहे लेकिन सुगबुगाहट कम नहीं हुई। आखिरकार 26 मार्च को सुबह स्थिति धीरे-धीरे साफ होने लगी और नामांकन के अंतिम क्षणों में पार्टी के नेता डीवाई से पूर्व विधायक रहे भगवान दास शर्मा उर्फ गुड्डू पंडित को लेकर नामांकन स्थल पहुंचे।
दबंग व बाहुबली नेताओं में शुमार रहने वाले गुड्डू पंडित आनन-फानन में दौड़ते भागते नामांकन के लिए पहुंचे। उनके साथ पूर्व सांसद मुनकाद अली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी पूर्व एमएलसी सुनील चित्तौड़ के साथ साथ पार्टी नेता गया प्रसाद कुशवाहा व संतोष आनंद भी मौजूद रहे। इस दौरान गुड्डू पंडित ने अपनी जीत का दावा करने की कोई कमी नहीं छोड़ी। प्रत्याशी गुड्डू पंडित इस क्षेत्र से वाकिफ ना हो लेकिन इस क्षेत्र की समस्याओं को दूर करने का दावा जरूर किया और अपने प्रतिद्वंदी से मजबूती के साथ संघर्ष करते हुए सीट को जीतने की बात कही।
इस दौरान पश्चिम उत्तर प्रदेश प्रभारी पूर्व एमएलसी सुनील चित्तौड़ का कहना था कि पार्टी हाईकमान ने उन्हें उचित प्रत्याशी मानते हुए चयन किया गया है। प्रत्याशी क्यों बदला इस पर ज्यादा कुछ नही बोले।
गौरतलब है कि दो ठाकुर विधायक पार्टी छोड़ कर जा चुके हैं और अब एक ठाकुर समाज के प्रत्याशी को पार्टी ने हटाया है। इसका ठाकुर समाज पर क्या प्रभाव जाएगा इस सवाल पर सुन चित्तौड़ का कहना था कि जो भी कमी हुई है उसकी भरपाई की जाएगी लेकिन प्रत्याशी मजबूती से चुनाव लड़ेगा और जीतेगा। बसपा नेता प्रत्याशी बदलने की कहानी बताने से हर तरह से बचते रहे और इसे हाईकमान के स्तर की बात कहकर अपना पीछा छुड़ाते रहे लेकिन आखिरी मिनट तक राजवीर के टिकट कटने की बात को पार्टी से लेकर खुद प्रत्याशी राजवीर भी छुपाते ही रहे।
पार्टी के सूत्रों का कहना था कि विपक्षी प्रत्याशियों को देखते हुए उन्हें यह बदलाव करना पड़ रहा है लेकिन कहा यह भी जा रहा है कि ऊपरी स्तर पर बड़े राजनैतिक दलों के बीच में कोई डील हुई है जिसके चलते यहां पर राजवीर को बदला गया है जिससे कि ठाकुर वोट बैंक में कोई भी खराब ना हो और कोई मजबूत ठाकुर प्रत्याशी इस सीट पर ना खड़ा हो।