- नगर में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम को सफल बनाने को लेकर हुई कार्यशाला
- जागरूकता के लिए धर्मगुरु व प्रभावशाली व्यक्तियों का लिया जाएगा सहयोग
- टीकाकरण के लिए आवश्यक है मातृ एवं शिशु सुरक्षा कार्ड, साथ में जरूर लाएं
आगरा। जनपद आगरा में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के सफलतापूर्वक संचालन के उद्देश्य से नियमित टीकाकरण माइक्रोप्लान को लेकर दो दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन एक निजी होटल में हुआ । अपर निदेशक चिकित्सा एवं परिवार कल्याण आगरा मंडल (एडी) डॉ.चंद्रशेखर और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरूण श्रीवास्तव के निर्देशन में कार्यशाला का आयोजन डब्ल्यूएचओ के सहयोग से किया गया। कार्यशाला में नगर के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, इम्यूनाइजेशन ऑफिसर (आईओ), ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर (बीपीएम), स्टाफ नर्स और फार्मासिस्ट ने प्रतिभाग किया। इस मौके पर संयुक्त निदेशक (जेडी) डॉ. ज्योत्सना ने कार्यशाला के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी अपने कार्य क्षेत्र में छूटे हुए बच्चों व गर्भवती का शत प्रतिशत टीकाकरण कराना सुनिश्चित करें।
कार्यशाला में सीएमओ ने कहा कि गांवों की तुलना में नगरीय इलाके में व्यवस्थित व बेहतर रणनीति बनाने की बेहद आवश्यकता है। नगर की सभी पीएचसी, वार्ड व मोहल्ला के अनुसार एएनएम का क्षेत्र तय किया जाएगा। घर-घर जाकर हेड काउंट सर्वेक्षण होगा। उसके बाद प्रत्येक गांव, मजरा, टोला, शहरी क्षेत्र के प्रत्येक वार्ड और मोहल्लों का माइक्रोप्लान तैयार किया जाएगा । इसके बाद बच्चों व गर्भवती की ड्यू लिस्ट तैयार की जाएगी। टीकाकरण से छूटे बच्चे व गर्भवती ट्रैक किए जाएंगे। बुधवार व शनिवार को होने वाले नियमित टीकाकरण सत्र व छाया नगरीय स्वास्थ्य स्वच्छता पोषण दिवस (यूएचएनडी) और ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस (वीएचएनडी) सत्रों तक बच्चों व गर्भवती को लाने के लिए आशा कार्यकर्ताओं की ओर से घर-घर भ्रमण कर एवं पारस्परिक संपर्क कर सूचना दी जाएगी। हाई रिस्क वाले क्षेत्र जैसे मलिन बस्तियों, झुग्गी झोपड़ी, घुमंतू परिवार, निर्माण क्षेत्र, प्रवासियों आदि स्थलों पर विशेष ज़ोर दिया जाएगा। बाल सुधार गृह, बाल मठ, विधवा गृह, मदरसा आदि स्थानों की सोशल मैपिंग कर टीकाकरण किया जाएगा।
शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. धर्मेश्वर श्रीवास्तव ने बताया कि ग्रामीण से नगर में आए क्षेत्रों का घर-घर सर्वेक्षण कर ड्यू लिस्ट तैयार की जाएगी। टीकाकरण के लिए रोटरी इंटरनेशनल , सिविल डिफेंस और डूडा का भी सहयोग लिया जाएगा। साथ ही समुदाय को जागरूक करने के लिए धर्मगुरु, प्रभावशाली व्यक्तियों, जन प्रतिनिधियों, महिला आरोग्य समिति के सदस्यों का भी सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनपद व ब्लॉक स्तर पर स्थापित कोल्ड चेन प्वोइंट की क्रियाशीलता सुनिश्चित कर ली जाए। कोल्ड चैन प्वाइंट वैक्सीन के भंडारण तथा तापमान का प्रभारी चिकित्सा अधिकारी स्वयं निरीक्षण करें और इसकी जानकारी लॉग बुक में पंजीकृत करें।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन (डीआईओ) ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अकोला, पिनाहट, नगरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जीवनी मंडी और नगरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लोहामंडी द्वितीय नियमित टीकाकरण में आइडियल की तरह कार्य कर रहे । नगरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जीवनी मंडी में सबसे अच्छा आरआई माइक्रोप्लान, कार्य क्षेत्र से संबंधित मैपिंग बहुत अच्छे से की गई है, पूर्ण प्रतिरक्षित बच्चे की संख्या 94% है। नगरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लोहामंडी द्वितीय 90% से अधिक है । इसी क्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खंदौली का आरआई माइक्रोप्लान बहुत अच्छा है । सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जगनेर वीपीडी सर्विलांस में बहुत अच्छा कार्य किया जा रहा है। सभी को इनसे से प्रेरणा लेनी चाहिए ।
डब्ल्यूएचओ एसएमओ डॉ. महिमा चतुर्वेदी ने प्रतिभागियों को राष्ट्रीय नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत ‘पाँच साल सात बार, छूटे न टीका एक भी बार’ पर विस्तृत जानकारी दी। इसके साथ ही माइक्रोप्लान किस तरह तैयार करें, किन बिन्दुओं पर विशेष ज़ोर दिया जाए आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। आउटब्रेक व प्रतिकूल प्रभाव के प्रबंधन के बारे में भी जानकारी दी। मिजल्स-रूबेला (एमआर), वैक्सीन से रोके जा सकने वाले रोग (वीपीडी) निगरानी, डिप्थीरिया और जीरो डोजर वैक्सीनेशन के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कराई गई । यूनीसेफ के जिला यूनिट कोऑर्डिनेटर राहुल कुलश्रेष्ठ ने सामुदायिक संचार गतिविधियों को बेहतर बनाने के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने टीकाकरण सत्र पर हर एक लाभार्थी को दिये जाने वाले चार प्रमुख संदेश के बारे में चर्चा की। इसमे पहला कौन सा टीका दिया गया और वह किस बीमारी से बचाता है। दूसरा अगले टीकाकरण के लिए कब और कहाँ आना है। तीसरा मामूली प्रतिकूल प्रभाव क्या है और उन्हें कैसे दूर करें। चौथा मातृ एवं शिशु सुरक्षा (एमसीपी) कार्ड को सुरक्षित रखें और अगले टीकाकरण पर जरूर लेकर आयें।
यूएनडीपी के वीसीसीएस शिव तिवारी द्वारा कार्यशाला में वैक्सीन से संबंधित ई-विन और यू-विन ऑनलाइन ऐप के बारे में प्रतिभागियों को विस्तार से जानकारी प्राप्त कराई । इस मौके पर डीपीएम कुलदीप भारद्वाज अपर शोध अधिकारी एस.पी सत्संगी सहित विश्व स्वास्थ्य संगठन के फील्ड मॉनिटर उपस्थित रहे