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विवाद के बीच ‘पापा’ संस्था हुई भंग, मुख्य ट्रस्टी पर आरोप लगाने वाले ही भ्रष्टाचार में फंसे, 7 के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज़

by admin
In the midst of controversy, 'Papa' institution was dissolved, only those who accused the Chief Trustee were caught in corruption, a case was filed against 7

Agra. शनिवार को प्रोग्रेसिव एसोसिएशन ऑफ पेरेंट्स (पापा) संस्था में चल रहे विवाद के बाद संस्था के अध्यक्ष व मुख्य ट्रस्टी दीपक सरीन पत्रकारों से रूबरू हुए। होटल गोवर्धन में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने पापा टीम के उन सदस्यों पर हमला बोला जिन्होंने 5 सितंबर को प्रेसवार्ता कर उन पर गंभीर आरोप लागये थे। दीपक सरीन ने कहा कि यह ट्रस्ट उन्होंने निष्पादित किया था और वो उसके मुख्य ट्रस्टी है तो उन्हें कोई कैसे हटा सकता है। बल्कि जो लोग उनका विरोध कर रहे है वो ही संस्था की गाइड लाइन से उतर गए हैं। पेरेंट्स और बच्चों को स्कूली तानाशाही से राहत दिलाने के लिए शुरू किए गए अभियान को वो लोग अपने स्वार्थ के लिए यूज़ कर रहे हैं। उसका विरोध किया तो स्वार्थी लोग एकजुट हो गए और मुझे बदनाम करना चाहते हैं।

पापा संस्था के संयोजक दीपक सरीन का कहना था कि विरोध करने वाला खेमा उन पर कुछ एडमिशन कराने का दवाब बना रहा था। वो उन स्कूलों में बच्चों के एडमिशन कराना चाहते थे जिनका विरोध किया जा रहा था। मना करते हुए उन्हें संस्था के सिद्धांतों की दुहाई दी लेकिन वे नहीं माने। अपनी इस डिमांड को उन्होंने स्कूल प्रशासन से मिलकर पूरा किया और मुझ पर बेबुनियाद आरोप लगा दिए।

दीपक सरीन का कहना है कि यह ट्रस्ट उन्होंने बनाया और उन्होंने ही रजिस्टर्ड कराया। इस ट्रस्ट में वो मुख्य ट्रस्टी है और इस ट्रस्ट के संविधान में कही भी अंकित नही है कि मुख्य ट्रस्टी को सदस्य हटा सकते है। उन्होंने जो कहा और किया वह सब गैर कानूनी है।

प्रेस को संबोधित करते हुए दीपक सरीन ने कहा कि संस्था के गठन के साथ ही भाजपा के कुछ लोग जुड़ गए थे। उन्हें पता नहीं था कि वो भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता है। बाद में पता चला तो उन्हें संगठन के आंदोलन में भाग लेने और भाजपा के जनप्रतिनिधियों को घेरने के लिए कहा गया तो वो पीछे हट गए। उनके काम भी नहीं हो रहे थे। इसलिए उन्होंने मुझे ही रास्ते से हटाने का प्लान बनाया और सब सभी के सामने है।

In the midst of controversy, 'Papa' institution was dissolved, only those who accused the Chief Trustee were caught in corruption, a case was filed against 7

दीपक सरीन का कहना है कि जो लोग आरोप लगा रहे हैं वो खुद फण्ड के हेरफेर में फंसे हुए है। संस्था के एकाउंट से पैसे खर्च किये गए लेकिन आज तक उसके बिल जमा नहीं हुए। पैसा कहाँ खर्च हुआ कोई हिसाब नहीं है। बल्कि संस्था को चलाने के लिए संस्था के पदाधिकारियों व अभिभावकों की रसीद काटी गई वो भी तय रुपये से अधिक। उसका जवाब वो नहीं देते जिसके सभी सबूत उनके पास है।

दीपक सरीन का कहना है कि यह सब मनोज शर्मा, शोभित जेटली, प्रवीन सक्सेना, अरुण मिश्रा, अमर सिंह सेंगर, दीपक वर्मा और अरुण भाटिया शामिल है। इन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। वर्तमान ‘पापा’ संस्था को भंग कर दिया गया है, जल्द ही नई ‘पापा’ संस्था का गठन किया जाएगा।

दीपक सरीन का कहना है कि पापा संस्था का गठन उनके द्वारा निष्पादित किया गया था, इसलिए उन्होंने इस संस्था को ही खत्म कर दिया है और इससे संबंधित सारी प्रक्रिया को उन्होंने पूरा करते हुए रजिस्टर्ड ऑफिस में कार्यवाही भी कर दी है।

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