Agra. उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन की ओर से देश का 75वां स्वतंत्रता दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। संगठन की ओर से धनौली स्थित ग्रामीण बाल श्रमिक विद्यालय में ध्वजारोहण किया और ध्वज को सलामी भी दी लेकिन इस बार इस श्रमिक विद्यालय में उत्साह थोड़ा सा कम ही नजर आया। क्योंकि कोरोना संक्रमण के चलते संगठन ने कोविड-19 के नियमों और सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए किसी भी बच्चे को स्कूल में नहीं बुलाया था। संगठन के अध्यापकों ने ही मिलकर स्कूल में ध्वजारोहण किया और स्वतंत्रता दिवस मनाया।
स्कूल के संस्थापक पं. तुलाराम शर्मा ने ध्वजारोहण किया और उसके बाद स्वतंत्रता दिवस पर अपने विचार रखे। उन्होंने बताया कि किस तरह देश कैसे आजाद हुआ और इसी आजाद कराने के लिए कितने वीर सपूतों ने अपनी शहादत दी। तुलाराम शर्मा का कहना था कि सरकार की गाइडलाइंस आने के बाद ही श्रमिक विद्यालय में शिक्षण का कार्य शुरू हो सकेगा और उसके बाद ही श्रमिकों के बच्चे इस स्कूल में निशुल्क शिक्षा पा सकेंगे। सरकार के निर्देश पर भले ही ऑनलाइन क्लासेस शुरु हुई हो लेकिन श्रमिकों के पास ऑनलाइन क्लास के लिए बेहतर मोबाइल नहीं है जिससे श्रमिकों के बच्चे ऑनलाइन क्लासों से दूर हैं। बच्चे शिक्षा की मुख्यधारा से दूर ना हो इसलिए टेंपरेरी क्लासेज चलाने का प्रयास किया गया है जिससे बच्चे दोबारा से बाल मजदूरी की और ना बढ़े।
इस दौरान उन्होंने कहा कि डॉ. भीमराव आंबेडकर ने सर्वसमाज को समान अधिकार देने के लिए संविधान में व्यवस्था की थी लेकिन आज की परिस्थितियां बदल गयी है। आज मजदूरों को काम नहीं है, गरीब गरीब होता चला जा रहा है। सरकार भी मजदूरों की तरफ ध्यान नही दे रही है जिससे मजदूरों का शोषण हो रहा है।
तुलाराम शर्मा ने गणतंत्र दिवस पर सरकार से मांग की है कि हर मजदूर को काम मिले और हर बच्चे को शिक्षा जिससे मजदूर को भी समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। सरकार को इस समय भी मजदूरों के लिए कोई ठोस योजना लागू करनी चाहिए जिससे मजदूरों की आर्थिक स्थिति सुधर सके और उनके बच्चे बेहतर शिक्षा पा सकें।