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ख़तरे में समाजसेवी नरेश पारस का परिवार, बेख़ौफ़ गैंगस्टर ने दूसरी बार बोला हमला

by pawan sharma

आगरा। बच्चों की सुरक्षा की लड़ाई लड़ने और उनकी खरीद फरोख्त के करोबार को खत्म करने की लड़ाई लड़ रहे आरटीआई एक्टिविट्स नरेश पारस अपने बच्चों की सुरक्षा तक नही कर पा रहे हैं। उनके परिवार को अपराधियों और गैंगस्टर से जान का खतरा होने लगा है। आरटीआई ऐक्टिविट्स के परिवार ने 11 घंटे बंधक बनकर खौफ के साये में गुजारे जिसमे बच्चे भी थे।

जिले का एक गैंगस्टर बेलगाम होता चला जा रहा हैं शायद उसमें पुलिस का खौफ खत्म हो चुका है। इसलिए तो नगला अजीता निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट की गैर मौजूदगी में गैंगस्टर सुरेश ने उनके परिवार को दूसरी बार बंधक बनाया और बाहर से ताला जड़ दिया। परिजनों ने मोहल्ले ने मदद करने की कोशिश की तो उनको भी धमका कर भगा दिया। कहीं से मदद न मिलने पर पीड़ित परिवार ने ट्विटर के माध्यम से पुलिस मुख्यालय से मदद मांगी तब जाकर पुलिस ने परिवार को मुक्त कराया। करीब 11 घंटे बाद परिवार मुक्त हो सका।

बताया जाता है कि बच्चों की सुरक्षा के लिए काम करने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट नरेश पारस लखनऊ एक बैठक में भाग लेने गए हुए हैं। उनकी गैर मौजूदगी में गैंगस्टर सुरेश गुरुवार रात में उनके घर पहुंचा। परिवार से गाली गलौज करने लगा। अपराधी सुरेश को लेकर नरेश पारस की पत्नी गुड़िया ने अपनी और बच्चों की सुरक्षा के लिए स्वंय को घर में बंद कर लिया। सुरेश ने गेट तोड़ने का भी प्रयास किया लेकिन वो सफल नहीं सका। रात करीब आठ बजे उसने बाहर गेट पर ताला जड़ दिया। जब सुबह बच्चे जगे तब उनको पता चला कि बाहर से ताला लगा है। नरेश पारस की पत्नी ने मोहल्ले के लोगों से मदद मांगी। मदद करने पहुंचे लोगों को सुरेश ने हड़काकर भगा दिया। सोनू नामक लड़के ने मदद की कोशिश की तो उसे गाली गलौज दी और जेल भेजने की धमकी दी। लोग सहम गए।

सुबह इस पूरी घटना की जानकारी नरेश पारस को हुई तो उन्होंने सोशल मीडिया फेसबुक और ट्विटर पर मदद मांगी। ट्विटर पट शिकायत मिलते ही पुलिस मुख्यालय से कार्यवाही के निर्देश जारी हुए तब जाकर पुलिस ने सुबह नौ बजे परिवार को मुक्त कराया। करीब 11 घंटे तक परिवार बंधक बना रहा।

पुलिस के आने की सूचना मिलते ही गैंगस्टर सुरेश मौके से फरार हो गया। सुरेश बोदला लूटकांड में आरोपी है। वह कई बार जेल जा चुका है। उस पर लूट, डकैती, आर्म्स एक्ट, मारपीट, शांतिभंग तथा गैंगस्टर जैसे करीब दर्जनों संगीन मुकदमे दर्ज हैं। इससे पहले भी सुरेश नरेश पारस के परिवार को बंधक बना चुका है। बताया जाता है कि सुरेश जबरन पीड़ित परिवार से चौथ मांगता है।

आरटीआई एक्टिविट्स का कहना है कि बच्चों की खरीद फरोख्त करने वाले समाज विरोधी तमाम लोगों को उन्होंने जेल भिजवाया है। जेल में सुरेश की उन लोगों से मुलाकात हो गई। उन्होंने सुरेश को मोहरा बनाकर नरेश पारस के खिलाफ षडयंत्र रचना शुरू कर दिया। जेल से बाहर आते ही सुरेश ने नरेश पारस को परेशान करना शुरू कर दिया। उनके घर की लाइट काटकर अपने मकान में जोड़ दी। नरेश पारस का परिवार पिछले दस महीनों से अंधेरे में है। आठ महीने पहले भी सुरेश नरेश पारस के पत्नी और बच्चों पर जानलेवा हमला कर चुका है। उनको जिंदा जलाने की कोशिश कर चुका है। नरेश पारस ने अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा की मांग कई बार डीएम और एसएसपी से की है लेकिन कोई सुनवाई आज तक नही हुई। नरेश पारस का कहना है कि अगर असामाजिक तत्वों के खिलाफ लड़ाई लड़ने का यही अंजाम होता है तो वो अपने परिवार के साथ पलायन कर जाएंगे।

इस घटना के बाद से पूरा परिवार दहशत में है। नरेश पारस की पत्नी की तबियत बिगड़ गयी जिसका घर में उपचार जारी है तो बच्चे दशहत के साये में जीने को मजबूर हैं।

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