Agra. शांति देवी गर्ल्स इंटर कॉलेज में वर्ष 2018 में एक हादसा हुआ और इस हादसे में स्कूल की एक छात्रा का आधा सिर और हाथ कट गया। पीड़ित छात्रा आज भी उचित मुआवजे के लिए दर दर की ठोकरें खा रही है। हैरानी की बात यह है कि वह स्कूल आगरा के राज्यमंत्री व विधायक का है लेकिन पीड़ित छात्रा की आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई। अब पीड़िता ने अपने इलाज के लिए जिला प्रशासन से इलाज के लिए आर्थिक मदद की गुहार लगाई है।
हाई टेंशन की लाइन से हुआ हादसा
बताते चलें कि शांति देवी गर्ल्स इंटर कॉलेज नौ मील की छत से हाइटेंशन लाइन गुजर रही है। उसकी चपेट में छात्रा संजना आ गयी थी। इस हादसे में संजना का आधा हाथ कट गया। सिर की आधी हड्डी भी कट गई। गनीमत रही कि जान बच गई। आज यही पीड़ित छात्रा अपने इलाज के लिए आर्थिक मदद की मोहताज है जबकि कॉलेज राज्यमंत्री उदयभान सिंह का है।
2018 में हुआ था हादसा
खंदौली, पैतखेड़ा निवासी संजना पुत्री हरिओम अपनी ननिहाल खलौआ, मलपुरा में रहकर 11वीं की पढ़ाई कर रही थी। विगत 22 सितंबर 2018 को नौमील स्थित विद्यालय में लंच के समय छत पर चली गई। पास से हाइटेंशन लाइन गुजर रही थी। पैर फिसलने से संजना दीवार पर गिर पड़ी, जिसमें करंट दौड़ रहा था। हादसे में उसका सीधा हाथ और सिर गंभीर रूप से जख्मी हो गया। स्कूल में घटना हुई लेकिन आश्वासन के अलावा कोई मदद नही हुई।
घर को गिरवी रखकर कराया इलाज
पीड़िता के भाई सूरज ने बताया कि पिता कोल्ड स्टोर पर मजदूरी करते थे सिर्फ मकान था। उसे पांच लाख रुपये में गिरवी रखकर जयपुर में इलाज कराया। बहन का आधा हाथ कट गया और सिर की हड्डी काटनी पड़ी। अब सिर का दोबारा ऑपरेशन कराना है। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। पिता मजदूर हैं और बहन के ईलाज़ के लिए मदद नहीं मिल पा रही है।
स्कूल संचालकों ने दिया था आश्वासन
पीड़ित के भाई ने बताया कि जिस समय यह हादसा हुआ था, उस समय स्कूल प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि संजना का इलाज वही कराएंगे और जो खर्च आएगा उसका भुगतान भी वही करेंगे। यह स्कूल राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह का है लेकिन समय बीता चला गया और उनके हाथ में सिर्फ आश्वासन ही रह गया। स्कूल प्रशासन ने आज तक उनकी कोई आर्थिक मदद नहीं की।
मुकदमा दर्ज लेकिन कार्रवाई नहीं हुई
पीड़ित के भाई का कहना है कि इस संबंध में थाना मलपुर में घटना के संबंध में मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई। क्योंकि यह स्कूल सरकार के राज्य मंत्री का था। इसके बाद उन्हें मुआवजा भी नही मिला। एडीएम सिटी को पीड़िता ने अपनी व्यथा सुनाई।
प्रशासन ने दिया आश्वासन
एडीएम सिटी अंजनी कुमार का कहना है कि तीन साल पुरानी घटना की स्थिति पता की जाएगी। मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से उपचार के लिए आर्थिक सहायता के लिए पत्र प्रेषित किया जाएगा। दूसरी तरफ विद्युत विभाग से मामले की जांच रिपोर्ट मांगी गई है। पीड़िता संजना ने बताया कि विद्यालय प्रबंधक ने विद्युत हादसे की रिपोर्ट बदलवा दी। जांच में हादसा नहीं होने की रिपोर्ट लगने के कारण उसे तीन साल बाद भी विद्युत दुर्घटना में अंगभंग होने पर सरकारी मुआवजा नहीं मिला है।