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माटीकला को बढ़ावा देने के लिए हुई अहम बैठक, लिए गए ये फैसले

by admin

आगरा। माटीकला को बढ़ावा देने और इस कारोबार से जुड़े प्रजापति समाज के लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने और उनकी तमाम समस्याओं को लेकर माटी कला बोर्ड के चेयरमैन धर्मवीर प्रजापति ने जिला मुख्यालय सभागार में बैठक की। इस बैठक में प्रशासनिक अधिकारियों और माटी कला से जुड़े हुए लोगों ने भाग लिया।

माटी कला से संबंधित रोजगार को बढ़ावा देने के लिए बोर्ड के चेयरमैन कितने चिंतित हैं यह इस बैठक में देखने को मिला। जिला मुख्यालय के सभागार में हुई इस बैठक के दौरान सभी प्रशासनिक अधिकारियों को माटी से बने कुल्लड़ो में पेयजल और चाय दी गई। यह पहली बार हुआ है जब जिला मुख्यालय के सभागार में बैठक हुई और उसमे माटी के बर्तनों का उपयोग हुआ हो।

इस बैठक के दौरान माटीकला के चैयरमैन अधिकारियों से इस कारोबार से जुड़े हुए लोग की समस्याओं को दूर करने और उन लोगों को सरकार की योजना का लाभ देने के लिए चर्चा कर रहे थे तभी जिला सभागार की लाइट चली गई। लाइट जाते ही बोर्ड के चेयरमैन धर्मवीर प्रजापति नाराज हो गए और प्रशासनिक अधिकारियों का अपनी नाराजगी भी जताई। इस बीच एसडीएम एत्मादपुर गरिमा सिंह पहुंची गयी जिन्हें देखकर माटी कला बोर्ड के चेयरमैन का पारा चढ़ गया और सभी के सामने sdm एत्मादपुर की क्लास लगा दी। उन्हीने साफ शब्दों में कहा कि आप फोन नही उठाती। अगर फोन नही उठाएंगी तो एत्मादपुर से कहीं और ट्रांसफर करा दिया जाएगा।

बैठक के दौरान यह निर्णय लिए गए की माटी कला से जुड़े हुए कारोबारियों और प्रजापति समाज को पट्टे पर मिट्टी के लिए भूमि उपलब्ध कराई जाएगी जिससे वह अपना कारोबार सुचारू रूप से चला सकें। इतना ही नहीं उन्होंने साफ कहा कि सरकार ने कंडे और कोयला जलाने पर बैन लगा दिया गया है लेकिन माटी के बर्तनों को पकाने के लिए एक मशीन आई है जिसे सरकार की योजना और अनुदान के साथ इन लोगों को उपलब्ध कराई जाएगी। इनकी जो समस्याएं हैं उनको भी दूर करने के दिशा निर्देश प्रशासनिक अधिकारियों को दिए गए हैं।

माटी कला बोर्ड के चेयरमैन धर्मवीर प्रजापति का कहना है कि इस समय माटी से बने हुए 120 वस्तुएं बर्तन की क्रॉकरी में शामिल हैं। इसलिए हमें इसे बढ़ावा देना होगा क्योंकि प्राचीन काल में मिट्टी से बने हुए बर्तनों को ही उपयोग में लाया जाता था जो पर्यावरण की दृष्टि से ठीक भी थे।

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