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स्कूल में पढ़ाई करनी है तो लगाना होगा झाड़ू-पोंछा, करने होंगे बर्तन साफ़

by pawan sharma

आगरा। जिन शिक्षकों के कंधों पर देश के नौनिहालों के भविष्य की जिम्मेदारी है वही शिक्षक इन नौनिहालों के भविष्य को अंधकार में धकेल रहे है। अफसोस की बात यह है कि इस तरह की घटनाओं के कई मामले सामने आ चुके है लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्यवाही न होने से सभी के हौसले बुलंद है। नौनिहालों को बेहतर शिक्षा मिले इसके लिए केंद्र से प्रदेश तक कि सरकार करोड़ो रूपये का खर्च कर रही है लेकिन शिक्षकों ने स्कूल व्यवस्था ऐसी बना रखी है कि बच्चों को शिक्षा लेनी है तो उन्हें स्कूल में झाड़ू पोछा करना होगा। शुक्रवार को ब्लॉक खंदौली क्षेत्र के गांव बामानी के प्राथमिक विद्यालय में ऐसा ही देखने को मिला। इस विद्यालय में स्कूली बच्चे मिड डे मील के बर्तन धोते और स्कूल की सफाई करते हुए दिखाई दिए। स्कूल में नन्ने नौनिहाल के कार्य करने का यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जो मीडिया की सुर्खियां भी बन गया है। इस वायरल वीडियो ने शिक्षा विभाग और शिक्षकों की कार्यगुजारी की पोल खोल दी है।

गरीब बच्चे बेहतर शिक्षा पाने के लिए स्कूल पहुँचे इसके लिए सरकार की ओर से मिड डे मील योजना की शुरुआत की थी। लेकिन भ्रष्ट शिक्षकों ने उसका बोझ इन नौनिहालों के कंधों पर डाल दिया है। इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि बच्चे किस तरह से मिड डे मील के बर्तनों को धो रहे है और स्कूल की सफाई के लिए झाड़ू पोछा लगा रहे हैं। इस स्कूल की कई बार शिकायत हो चुकी है लेकिन बीएसए इस स्कूल के शिक्षकों पर कोई कार्यवाही नही करते है। यह वीडियो मिडे मील की सच्चाई की पोल खोल रहा है।

फिलहाल कुछ भी हो लेकिन प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति किसी से छिपी नही है लेकिन इसके बावजूद भी प्रशासन ऐसे शिक्षकों पर कोई कार्यवाही नही कर रहा है।

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