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आपको चर्म रोग या हड्डी रोग की समस्या है तो जिला अस्पताल न जाएं

by admin
If you have skin disease or bone disease then do not go to the district hospital

आगरा। अगर आपको चर्म रोग है या हड्डी से संबंधित समस्या है तो जिला अस्पताल की ओपीडी में न जाएं। खबर में जानिए कारण।

अगर आप जिला अस्पताल में चर्म रोग या फिर हड्डी रोग से संबंधित इलाज के लिए जा रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। आपने जिला अस्पताल की ओर जो कदम बढ़ाए हैं, उन्हें वापस ले लीजिए क्योंकि जिला अस्पताल में चर्म रोग की ओपीडी में तो ताला लग चुका है तो वही हड्डी रोग विभाग में एक चिकित्सक रह गए हैं जो आजकल ओपीडी में नहीं बल्कि वीआईपी ड्यूटी में बिजी है। कई विभागों की ओपीडी संचालित ना होने से आए दिन जिला अस्पताल में हंगामा भी कट रहा है लेकिन सब बेबस नजर आ रहे हैं।

ओपीडी में ताला लगने का यह है कारण

आगरा जिला अस्पताल के चर्म रोग की ओपीडी में ताला लगा है। ओपीडी के बाहर एक कागज भी चस्पा है। जिस पर लिखा है कि डॉक्टर उपलब्ध नहीं है। इसके पीछे कारण यह है कि हाल ही में जिला अस्पताल के कई चिकित्सकों का स्थानांतरण हुआ है, जिसके चलते कई विभागों के चिकित्सक यहां से रिलीव हो गए हैं और नए चिकित्सकों ने जिला अस्पताल ज्वाइन नहीं किया है। जिसके कारण इन विभागों की ओपीडी संचालित नहीं हो पा रही है और मरीज बेहाल हैं।

आए दिन हो रहा है हंगामा
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. ए के अग्रवाल का कहना है कि चिकित्सकों के स्थानांतरण हो जाने और नए चिकित्सकों के जिला अस्पताल ज्वाइन ना करने के कारण कई विभागों की ओपीडी नहीं चल पा रही है जिसके कारण मरीज आए दिन जिला अस्पताल में हंगामा भी कर रहे हैं। उन्हें समझा-बुझाकर शांत किया जा रहा है और उन्हें बताया जा रहा है कि उनके हाथ में कुछ नहीं है। शासन से जिला अस्पताल के चिकित्सकों का स्थानांतरण हुआ है। अगर वह दूसरी जगह ज्वाइन नहीं करेंगे तो उन्हीं पर कार्रवाई होगी।

हड्डी और चर्म रोग में आते हैं सबसे अधिक मरीज

सीएमएस ने बताया कि इस समय हड्डी और चर्म रोग के मरीज सबसे अधिक आ रहे हैं। चर्म रोग में एक ही चिकित्सक थे जो रिलीव हो चुके हैं। और वही हड्डी रोग विभाग में सिर्फ एक ही चिकित्सक रह गए हैं उनकी भी वीआईपी ड्यूटी लगा दी जाती है। जिसके कारण वह भी ओपीडी नहीं देख पा रहे हैं। दोनों ही विभागों की ओपीडी मरीजों की लंबी-लंबी लाइने लगती हैं और चिकित्सकों के ना होने पर उनका आक्रोश फट जाता है।

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