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सरकार ने नहीं सुनी तो रोजगार की तलाश में अमेरिका पहुंची अंतरराष्ट्रीय महिला कबड्डी खिलाड़ी

by admin
If the government did not listen, international American players reached America in search of employment

नई दिल्ली (18 May 2022 )। सरकार ने नहीं सुनी और देश भर में सरकारी नौकरी नहीं मिली तो अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी रामभतेरी गिल रोजगार की तलाश में अमेरिका गईं।

हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गांव समैन निवासी अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी रामभतेरी गिल रोजगार की तलाश में अमेरिका पहुंच गई हैं। शानदार कबड्डी के प्रदर्शन से पूरी दुनिया में पहचान बनाने वाली हरियाणा महिला कबड्डी टीम की कप्तान रह चुकीं रामभतेरी गिल को देश में सरकारी नौकरी नहीं मिली तो वह अपना खेल छोड़ने पर मजबूर हो गईं। अब रोजगार की तलाश में पिछले सप्ताह अमेरिका चली गईं।# रोजगार

तीन विश्वकप खेल चुकी हैं
गौरतलब है कि रामभतेरी गिल ने पंजाब सरकार की ओर से 2012, 2013 व 2014 में करवाए गए कबड्डी के तीन अलग-अलग विश्व कप में भारत की महिला टीम में खेलते हुए विजय दिलवाई। इसके अलावा रामभतेरी गिल हरियाणा व पंजाब में हुए विभिन्न कबड्डी टूर्नामेंटों में अपनी टीम को जीत दिलवा कर जिले का नाम रोशन कर चुकी हैं। कबड्डी खिलाड़ी गिल ने सरकारी नौकरी के लिए कई बार हरियाणा सरकार के आगे गुहार लगाई, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिल पाई थी। नौकरी के लिए रामभतेरी ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की हुई है। उनकी याचिका अभी विचाराधीन है।

कप्तानी में दो बार जीती हरियाणा महिला टीम
अमेरिका से जानकारी देते हुए कबड्डी के पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी दलबीर चौधरी ने बताया कि रामभतेरी रोजगार के लिए अमेरिका पहुंची हैं। दलबीर चौधरी भी मूल रूप से गांव समैन के रहने वाले हैं और मौजूदा समय में अमेरिका के स्थायी निवासी हैं। दलबीर चौधरी ने अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए कहा कि रामभतेरी एक प्रतिभावान खिलाड़ी हैं। उसकी कप्तानी में हरियाणा की महिला कबड्डी टीम ने दो बार चैंपियनशिप जीती है। सरकार अच्छे खिलाड़ियों को रोजगार जरूर दे, ताकि उनका मनोबल बढ़े। नहीं तो प्रतिभावान खिलाड़ी रोजगार की तलाश में खेल को ऐसे ही छोड़ते रहेंगे।

किसान परिवार से हैं रामभतेरी
बीए पास रामभतेरी गिल गांव समैन के साधारण किसान परिवार से संबंध रखती हैं। रामभतेरी के पिता रघुबीर सिंह गांव में ही खेतीबाड़ी करके अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। मां गृहिणी हैं। परिवार में रामभतेरी की दो बहन और दो भाई भी हैं। खेल कोच का डिप्लोमा तक कर रखा है। ऐसा भी नहीं है कि रामभतेरी के पास योग्यता नहीं है। रामभतेरी ने खेल के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सफलता के झंडे गाड़े हैं। रामभतेरी ने फिजिकल एजुकेशन में बीपीएड, एमपीएड करने के अलावा खेल कोच के लिए जरूरी एनआईएस से डिप्लोमा भी किया हुआ है।

ये रहा है कबड्डी में सफलता का सफर
साल 2013, 2014 व 2016 में पंजाब में हुए कबड्डी के विश्व कप में भारतीय महिला टीम का हिस्सा बनकर विजय दिलाई। तीनों बार ही रामभतेरी को बेस्ट रेडर का अवॉर्ड मिला। साल 2012, 2021 व 2022 में रामभतेरी ने कबड्डी की नेशनल चैंपियनशिप में हिस्सा लेते हुए अपनी टीम को विजय दिलाई और गोल्ड मेडल जीता। बॉक्सिंग में भी रामभतेरी ने राज्य स्तरीय खेलों में गोल्ड मेडल जीता है।

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