आगरा। द आगरा शू फैक्टर्स फैडरेशन द्वारा जूते से जीएसटी को 12 से घटाकर 5 प्रतिशत पर लाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। सम्भव है जल्दी सफलता मिलेगी। सरकार द्वारा बताया कि जूते पर 5 प्रतिशत जीएसटी करने से 537 करोड़ की प्रतिवर्ष की राजस्व हानि होगी। परन्तु मुझे विश्वास है कि जूता उद्योग से जुड़े सभी छोटे बड़े व्यापारी ईमानदारी से बिलिंग करेंगे, कोई ऐसे काम नहीं करेंगे जिससे जीएसटी टैक्स की हानि हो या सरकार को नुकसान हो। राष्ट्र मजबूत होगा तो हम भी मजबूत होंगे।
हींग की मंडी स्थित शू चैम्बर में आयोजित द आगरा शू फैक्टर्स फैडरेशन के वार्षिकोत्सव (एक साल बेमिसाल) में अतिथियों का स्वागत करते हुए फैडरेशन के अध्यक्ष विजय सामा ने परची सिस्टम के लिए स्व. राजकुमार सामा जी को धन्यवाद देते हुए कहा कि हमने जो उपलब्धियां प्राप्त की वह फैडरेशन व व्यापारियों की ताकत है। राज्य वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के सहयोग से जूते पर जीएसटी को 12 से 5 प्रतिशत कराने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि आगामी अगस्त में पुर्ननिर्मित किए जा रहे फैडरेशन के कार्यालय का शुभारम्भ किया जाएगा। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि फुटवियर एवं लैदर काउंसिल, भारत सरकार के चेयरमैन पूरन डाबर व उप्र लघु उद्योग निगम के अध्यक्ष राकेश गर्ग ने स्व. राजकुमार सामा के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित व माला पहनाकर किया।
पूरन डाबर ने कहा एक समय था जब जूता उद्योग को कोई हाथ नहीं लगाता, यहां तक की जूता के काम करने वाले लोगों के साथ नहीं बैठते थे लोग और आज जूता उद्योग 25 बिलियन डॉलर की इंडस्ट्री बन गई है। 5.8 बिलियन डॉलर का निर्यात भी हो रहा है। हमें गर्व होना चाहिए हम ऐसे उद्योग से जुड़े हैं, जिसमें सम्भावनाएं ही सम्भावनाएं हैं। पूरा विश्व भारत को बड़े बाजार के रूप में देख रहा है। कारण हमारा मिडिल इनकम ग्रुप 35 प्रतिशत हो चुका है। सरकार लगातार लेबर ओरिएन्टेड इंडस्ट्री को बढावा देने के लिए प्रयास कर रही है।
उप्र लघु उद्योग निगम लि. के अध्यक्ष राकेश गर्ग ने कहा कि एक वर्ष बेसिमाल रहा, जिसमें कई महत्वपूर्ण कार्य हुए। फैडरेशन के अध्यक्ष विजय सामा अपने दादाजी राजकुमार सामा के पदचिन्हों पर चल कर जूता उद्योग में सबको नए आयाम दे रहे हैं। परची सिस्टम के माध्यम से समानान्तर बैंकिंग को खड़ा किया। जीएसटी को 12 से 5 प्रतिशत कराने पर लगातार प्रयास किया जा रहा है। हमारी प्रतिस्पर्धा विश्व से है। काउंसिल ऑफ साइंटिफिक रिसर्च ( सीएसआईआर) में जूता मशीनरी को लेकर सम्पर्क करें व्यापारी, इसमें अनुदान भी मिलेगा। नई पीढ़ी का नया जमाना है, इसलिए अपडेट व एडवांस रहना आवश्यक है। उन्होंने व्यापारियों को विभिन्न सरकारी स्कीमों के बारे में जानकारी देते हुए उनका लाभ उठाने को कहा।
इस अवसर पर कार्यकारिणी के पदाधिकारियों ने वार्षिक क्रियाकलापों का विस्तार से ब्योरा प्रस्तुत किया। संचालन अजय महाजन ने किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से अनिल लाल, चंद्रमोहन सचदेवा, विनोद सीतलानी, रामनाथ ढंग, घनश्याम लालवानी, अजय महाजन,, संजय रोरा, घनश्याम कश्यप, जोगिन्दर लूथरा, शोभाराम पुरसनानी, विजय सहगल, प्रदीप सरीन, प्रदीप मेहरा, अशोक मिड्डा, प्रमोद जैन, चांद दीवान, राजकुमार पुरसनानी, नरेन्द्र कश्यप, मुरलीधर पंजवानी, राकेश लालवानी, सौरभ रल्हन, रिक्की धूपड़, हरिदेव मिड्डा, चंद्रवीर फौजदार, हरीश बन्जानी, दिलीप खूबचंदानी आदि उपस्थित थे।