Agra. ‘जामा मस्जिद की सीढ़ियों में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्तियां दबी हुई हैं जिन्हें रौंदा जा रहा है। यह अपमान सहा नहीं जा सकता है। इसीलिए जामा मस्जिद की सीढ़ियों की खुदाई करके वहां से श्री कृष्ण की मूर्तियों को निकालना होगा’ यह कहना है कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर का, जिन्होंने इस संबंध में ट्रस्ट के माध्यम से कोर्ट में वाद भी दायर किया है। वाद में कहा गया है कि आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्तियां दबी हैं। सीढ़ियों की खोदाई करके मूर्तियां निकालनी हैं। इस संबंध में सिविल कोर्ट ने इंतजामियां कमेटी को नोटिस जारी कर सुनवाई के लिए 31 मई की तारीख तय की है।
आपको बताते चलें की प्रसिद्ध कथावाचक ठाकुर देवकीनंदन महाराज आज आगरा में थे। पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे प्रभु श्री कृष्ण की मूर्तियां दबी हुई है। इन्हीं सीढ़ियों से चढ़ते हुए मुस्लिम समाज के लोग नमाज अदा करने के लिए मस्जिद में जाते हैं और हमारे प्रभु की मूर्तियों को रौंद देते हैं। इसलिए इस संबंध में जिला जज के यहां पर वाद दायर किया गया है जिसकी सुनवाई के लिए नोटिस जारी हुए हैं।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज पांडेय ने कहा कि हमारे भगवान की मूर्तियों पर मुस्लिम समाज के लोग पैरों से रौंदते हुए नमाज पढ़ने के लिए जाते हैं। ये हिंदू समाज का अपमान है। इसके लिए ठाकुर देवकीनंदन महाराज ने पूर्व में ही मुस्लिम समुदाय के लोगों से अपील की थी और भाईचारा निभाते हुए सीढ़ियों को खुदवाने के लिए कहा था, लेकिन कई महीने बीतने के बाद जब कोई हल नहीं निकला तो मजबूरन कानूनी सहारा लेना पड़ा है।
मनोज पांडेय ने बताया कि श्रीकृष्ण भगवान की मूर्तियों होने के उनके पास प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि औरेंगजेब के समय में उनकी किताबें लिखने वाले लेखक के कंटेंट उनके पास हैं, जो वे कोर्ट में दिखाएंगे। औरंगजेब ने 1670 में केशवदेव के मंदिर को तोड़ दिया था। उसने केशवदेव की मूर्ति आगरा स्थित जामा मस्जिद की सीढ़ियों में दबा दी थी। औरंगजेब के समकालीन इतिहासकारों समेत कई इतिहासकारों ने इसका वर्णन अपनी पुस्तकों में किया है। मूर्तियों को निकाला जाना चाहिए, जिससे उन्हें मथुरा ले जाकर पूजा-अर्चना की जा सके।
खुदाई का खर्च वहन करेगा ट्रस्ट
ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज पांडेय ने कहा कि खोदाई में जो भी खर्चा आएगा उसे वहन किया जाएगा। सीढ़ियां खोदकर मूर्तियां निकालकर उन्हें ऐसे ही बना दिया जाएगा। इस बारे में ट्रस्ट ने आगरा सिविल कोर्ट (प्रवर खंड) में 11 मई को वाद दायर किया है। इस संबंध में कोर्ट ने विपक्षी पार्टियों को 31 मई सुनवाई की तिथि निर्धारित की है।