आगरा जनपद के कस्बा पिनाहट क्षेत्र के देवगढ़ रामनगर के पास चंबल नहर का माइनर फूटने से किसानों की सैकड़ों बीघा बोई हुई फसल जल मग्न होकर बर्बाद हो गई है। किसानों ने नहर विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए फसल मुआवजा की मांग की है। हालांकि नहर बंद कर माइनर को ठीक किया गया है।
आपको बता दें कस्बा पिनाहट क्षेत्र से निकलकर इटावा तक पहुंची चंबल डाल नहर परियोजना से पिनाहट ,बाह, जैतपुर ब्लॉक क्षेत्र के दर्जनों गांव के सैकड़ों किसानों की हजारों हेक्टेयर खेती की सिंचाई होती है। गेहूं, आलू, सरसों आदि फसलों की बुवाई का समय आने पर किसानों ने चंबल नहर को चालू कराने की मांग उठाई थी। नहर और माइनर और की सफाई होने के बाद बीते महीनों से बंद पड़ी चंबल डाल नहर परियोजना को क्षेत्रीय विधायक बाह रानी पक्षालिका सिंह ने किसानों की समस्या को लेकर जल शक्ति मंत्री को पत्र लिखकर एवं नहर विभाग के अधिकारियों से वार्तालाप कर जल्द नहर चालू कराई थी। अभी कुछ दिन पूर्व चंबल नहर को किसानों की सिंचाई हेतु चालू किया गया था। जिससे किसानों के चेहरे खिल उठे थे। मगर रविवार की देर रात को पिनाहट ब्लाक क्षेत्र के गांव देवगढ़ रामनगर के पास अचानक चंबल नहर मायनर की पटरी टूटकर फूट गई। नहर का पानी भरभरा कर किसानों के खेतों में जाने लगा। सोमवार सुबह तक किसानों की सैकड़ों बीघा बोई हुई आलू,सरसों, गेहूं जौ की फसल जलमग्न हो गई। किसानों की सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो कर बर्बाद हो गई है। चारों तरफ खेतों में पानी ही पानी तालाब की तरह दिखाई देने लगा। तत्काल एकत्रित ग्रामीणों ने नहर फूटने की सूचना नहर विभाग कर्मचारियों के साथ, एसडीएम बाह को सूचना दी।जिस पर तत्काल नहर विभाग के अधिकारी ने मामले को लेकर नहर को बंद करा कर मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों की मदद से मिट्टी बालू की बोरियां लगाकर फूटी नहर माइनर को ठीक कराने का कार्य प्रारंभ किया गया। ग्रामीणों की मदद से फूटी नहर ठीक की जा रही है।
वहीं ग्रामीण किसानों ने नहर विभाग पर नहर की ठीक से सफाई नहीं कराने एवं लापरवाही का आरोप लगाया है। ग्रामीण किसानों ने शासन प्रशासन से फसल बर्बाद होने पर मुआवजे की मांग की है। ग्रामीणों के मुताबिक नहर फूटने का मामला नया नहीं है पूर्व में भी पिछले वर्ष लगातार दो बार चंबल नहर का माइनर फूटने से किसानों की फसल बर्बाद हो गई थी जिसका मुआवजा आज तक नहीं मिला है। चंबल नहर के मायनर फूटने पर ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए माइनर को पक्का कराने की मांग की है ताकि भविष्य में किसानों की फसल बर्बाद ना हो सके। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि चंबल नहर की सफाई ठीक से नहीं होने के कारण नहर की पटरी फूट गई और इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।अचानक नहर फूटने से किसान हरिओम शर्मा, सुरेश सिंह, महेश, मोहन सिंह आदि किसानों की करीब लगभग 200 बीघा गेहूं, आलू ,सरसों की फसल जलमग्न हो कर बर्बाद हुई बताई गई है। जिस पर किसानों ने शासन प्रशासन से मुआवजे की गुहार लगाई है।