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इंसान नहीं एक साल से कैद हैं ये बेजुबान, जाने क्या है मामला

by pawan sharma

आगरा। अक्सर किसी जुर्म के लिए आपने इंसान को जेल में सज़ा काटते देखा होगा लेकिन कुछ बेजुबान श्वान करीब एक साल से बिना किसी जुर्म के ही कैदी की सी सजा काटने को मजबूर है। इन श्वानो को कुछ दबंगों ने अपना निशाना बना रखा है। पिंजरे से बाहर आते ही कुछ लोग काटने और भौंकने के नाम पर लाठी डंडों से पीटने लगते हैं। इसलिए इन श्वानो की देखरेख कर रही समाजसेवी विनीता अरोड़ा ने इन्हें पिंजरे में ही कैद करके रखा है जिससे उनकी जिंदगी सलामत रहे।

मामला कुछ अजीब सा है लेकिन ये सच है। समाजसेवी विनीत अरोड़ा जो श्वानों के लिए कैस्पर शेल्टर होम के नाम से पिछले कई वर्षो से बेजुबानों को अपने निजी खर्चे पर उनकी देखरेख कर रही है। घायल और बीमार श्वानों को अपने शेल्टर होम में लाकर न सिर्फ उनका इलाज कराती है बल्कि उन्हें अपने शेल्टर होम में रखती भी है लेकिन इन दिनों विनीत अरोरा क्षेत्रीय दबंगों से परेशान है।

समाजसेवी विनीत अरोरा का कहना है कि एक दबंग की वजह से करीब एक साल से उनके श्वान पिंजरे में कैद है। पिंजरे से बाहर निकालते ही दबंग और उसके चौकीदार उन्हें मारने के लिए दौड़ते है जिससे श्वानों को कैद करने पर मजबूर होना पड़ा है। विनीता अरोड़ा के कहना है कि उन्होंने श्वानों के लिए बिल्डर से यह जमीन खरीदी थी लेकिन आज वो बिल्डर उन पर और जमीन खरीदने का दवाब बना रहा है और इसके लिए वो श्वानों को बाहर घूमने नही देता है। बिल्डर और उसके चौकीदार के कारण श्वान बाहर घूम नही पा रहे जबकि उनका बाहर घूमना बहुत जरूरी है।

समाजसेवी विनीता अरोड़ा ने श्वानों के लिये शैल्टर होम बनाने के लिये जिलाधिकारी एनजी रवि कुमार उन्हें जमीन उपलव्ध करा रहे है लेकिन सरकारी प्रक्रिया में बहुत समय लग रहा है। उनका कहना है कि वो सोमवार को उनसे मुलाकात करके ज्ञापन सौपेंगी और जमीन जल्द से जल्द उपलव्ध कराने की मांग करेंगी जिससे पिंजरे में कैदी की तरह रह रहे श्वानों को उस कैद से आजादी मिल सके।

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