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ईलाज न मिलने से गर्भस्थ शिशु की मौत पर मानवाधिकार आयोग ने प्रमुख सचिव को जारी किया नोटिस

by admin

आगरा। लाॅकडाउन में ईलाज न मिलने से हुई गर्भस्थ शिशु की मौत पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य और डीएम आगरा को नोटिस जारी कर रिपोर्ट मांगी है। बेलनगंज निवासी प्रवीण राठौर ने चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट के माध्यम से मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी।

बेलनगंज निवासी प्रवीण राठौर की गर्भवती पत्नी नीता राठौर का ईलाज जीवनी मंडी स्थित ताज हाॅस्पिटल में चल रहा था। प्रवीण ने आरोप लगाया है कि वह 21 सितंबर 2019 से अपनी पत्नी का नियमित ईलाज करा रहा था। 24 अप्रैल को प्रसव पीड़ा होन पर वह लाॅकडाउन में दिखाने गया तो डाक्टर ने प्रसव करने से इंकार कर दिया कहा कि कहीं और ले जाएं। लाॅकडाउन में प्रवीण अपनी पत्नी को लेकर भटकता रहा लेकिन तमाम अस्पतालों ने गर्भवती का ईलाज करने से मना कर दिया। काफी मशक्कत के बाद उसे सिकन्दरा स्थित निजी अस्पताल प्रभा हाॅस्पिटल में भर्ती कर लिया लेकिन तब तक बहुत देर होने के कारण गर्भ में ही बच्चे की मौत हो चुकी थी। नीता ने एक मृत बच्चे को जन्म दिया। प्रवीण के पास दो लड़कियां हैं। उसे लड़के की बहुत चाहत थी लेकिन अस्पताल की लापरवाही से उसकी हसरत पूरी न हो सकी।

प्रवीण ने इस मामले में थाना छत्ता तथा सीएमओ कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई लेकिन कोई राहत नहीं मिली। तब उसने चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट नरेश पारस से संपर्क किया। उन्होंने इसकी शिकायत मानवाधिकार आयोग भेजी। मानवाधिकार आयोग ने इसका संज्ञान लेकर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा डीएम आगरा को नोटिस जारी कर रिपोर्ट तलब है। इससे पूर्व भी आगरा में लाॅकडाउन के दौरान ईलाज न मिलने से चार बच्चों की मौत हो चुकी है। नरेश पारस की शिकायत पर राष्ट्रीय बाल आयोग ने डीएम को नोटिस जारी कर रिपोर्ट मांगी थी। उक्त मामले में जांच चल रही है।

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