Agra. देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम आखिरकार (CAA) लागू हो गया। केंद्र सरकार ने सोमवार की शाम को इसकी अधिसूचना जारी की। सरकार ने इसके लिए पोर्टल भी तैयार किया है, जिस पर गैर मुस्लिम प्रवासी समुदाय के लोग नागरिकता पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। CAA कानून लागू होने के बाद से हिंदूवादी संगठन योगी युथ ब्रिगेड में खुशी की लहर देखी गयी। संगठन के पदाधिकारियों ने रावली महादेव मंदिर पर CAA के लागू होने पर मिष्ठान वितरण किया और CAA कानून की बारीकियां समझाईं।
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के आने से सिर्फ तीन देशों के अल्पसंख्यकों को फायदा मिलेगा जिसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यक शामिल है। हालांकि इसमें भी जो लोग 31 दिसंबर 2014 तक भारत में आए हैं। उन्हें ही भारत की नागरिकता मिलेगी। सीएए के नियमों के मुताबिक इसमें 6 गैर-मुस्लिम समुदाय हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी लोग शामिल हैं। इसके अलावा किसी भी देश के अल्पसंख्यक या नागरिक को भारत की नागरिकता नहीं मिलेगी।
2019 में हुआ था कानून पारित
बता दें कि भारत में दिसंबर 2019 में सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट पारित हुआ था। इसके बाद इसे राष्ट्रपति ने भी मंजूरी दे दी थी। हालांकि उस वक्त ये लागू नहीं हुआ था लेकिन अब भारत सरकार ने सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट यानी सीएए को लेकर नोटिफिकेशन जारी करते हुए इस एक्ट को भारत में लागू कर दिया है।
अल्पसंख्यकों मिलेगा फायदा
योगी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष अजय तोमर ने बताया कि भारत के तीन पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश हैं। 1947 में भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के बाद लाखों लोग पाकिस्तान में गए थे और बस गए थे लेकिन बाद में इन देशों में खासकर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को वहां प्रताड़ित किया जाने लगा। इसके बाद जब ये लोग वापस भारत आए तो फिर ये कभी पाकिस्तान नहीं गए। यही हाल बांग्लादेश व अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक के साथ हुआ। अब सीएए आने से इन तीन देशों के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिलेगी और भारत में मिलने वाले सभी अधिकार उन्हें मिलेंगे, जिससे ये अपने परिवार को आगे बढ़ा सकते हैं।