आगरा। राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच की ओर से होटल रैडिसन ब्लू में हिमालय हिंद महासागर राष्ट्र समूह की दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ शनिवार को हो गया। दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ राष्ट्रीय सुरक्षा जागरूक मंच के मार्गदर्शक और आरएसएस के इंद्रेश कुमार, ब्रज क्षेत्र के संगठन मंत्री भवानी सिंह वृक्ष अध्यक्ष रजनी का माहेश्वरी राज्य मंत्री उदय भान सिंह आधी अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर किया।

इस सम्मेलन में भारत सहित 54 देशों के राजदूत भाग ले रहे हैं। 2 दिन चलने वाले इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में विभिन्न देशों के प्रतिनिधि सभी देशों को एकजुट करने का प्रयास करते हुए यह चर्चा करेंगे कि परस्पर देशों के बीच सांस्कृतिक सामाजिक और व्यापारिक सौहार्द को कैसे बढ़ाया जाए। मंचासीन अतिथियों ने अपने अपने देश की सांस्कृतिक विरासतों और परंपराओं को सामने रखते हुए यह दिखाने का प्रयास किया कि यदि हम एकजुट होकर एक मंच पर आकर संघर्ष करें तो न केवल हम किसी भी समस्या का समाधान आसानी से कर सकते हैं बल्कि खुशहाल देश का निर्माण भी कर सकते हैं।

इसके अलावा कई देशों के राजदूतों ने कुछ कड़वे अनुभव भी शेयर किये। उन्होंने बताया कि किस तरह से दूसरे शक्तिशाली देशों ने अपना प्रभुत्व जमा कर न केवल उनकी सांस्कृतिक और सामाजिक विरासतों को तोड़ा बल्कि अपने नियम थोपने के प्रयास किए जिसके चलते देश बंटने पर मजबूर हुआ।
इस कॉन्फ्रेंस में शनिवार को आए मुख्य अतिथि इंद्रेश कुमार अपने अनुभव शेयर करते हुए बताया कि वे देश भारत की विभिन्न भौगोलिक क्षेत्र की खोई हुई सांस्कृतिक विरासत को दोबारा से पहचान दिलाने का प्रयास करते रहते हैं साथ ही आर एस एस से जुड़ा होने के कारण भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार भी करते रहते हैं। जम्मू कश्मीर में अपने कार्य क्षेत्र के दौरान उन्हें कई बार आतंकवादियों से पत्र के द्वारा धमकी भी मिली जिसे खुले मंच से उन्होंने धमकी पत्र को लव लेटर का नाम दिया। इंद्रेश कुमार ने मंच से साफ कहा कि जब मुझे अपने भारतीय संस्कृति से प्यार है तो प्यार किया तो डरना क्या। यानी आतंकवादियों के द्वारा दी गई धमकी के बावजूद वे अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटे।
उन्होंने यह भी बताया कि किस तरह से हमारे देश में अंग्रेजों ने अपनी कूटनीति का इस्तेमाल करते हुए हिमालय के सबसे ऊंचे पर्वत जिसे सागरमाथा के नाम से जाना जाता था, उसका नाम एवरेस्ट रख दिया। इंद्रेश कुमार में से सांस्कृतिक बलात्कार का नाम दिया।
यह उदाहरण रखते हुए उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद सभी देशों के राजदूतों से यह अपील की यह भी अपने अपने देश में खोई हुई सांस्कृतिक विरासत को दोबारा से अस्तित्व में लाने का प्रयास करें और सभी देश एकजुट होकर परस्पर सहयोग की भावना से एक मंच पर एक साथ आए यही इस कार्यक्रम का उद्देश्य है।