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कोविड काल में निजी अस्पतालों द्वारा की गयी अवैध वसूली पर हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से मांगा जवाब

by admin
High court seeks reply from UP government on illegal recovery made by private hospitals during Kovid period

आगरा। कोविड की दूसरी लहर में अनापशनाप बिल वसूली में लिप्त हॉस्पिटलों के खिलाफ आगरा के एक व्यवसायी की याचिका को उच्च न्यायालय की बेंच ने स्वीकार करते हुए सरकार से स्थिति स्पष्ट करने के लिए सात दिन में जवाब मांगा है। बेंच ने याचिकाकर्ता गजेंद्र शर्मा को भी पीड़ितों का पक्ष रखने के निर्देश जारी किए हैं।

2020 में लॉकडाउन के दौरान बैंकों से ब्याज माफ कराने वाले संजय प्लेस के व्यापारी गजेंद्र शर्मा ने एक बार फिर न्यायालय की शरण ली। इस बार गजेंद्र शर्मा की लड़ाई उन प्राइवेट अस्पतालों से है जिन्होंने कोविड इलाज के नाम पर अनाप-शनाप बिल वसूला। हाईकोर्ट ने दायर याचिका को स्वीकार कर लिया।

गजेंद्र का आरोप है कि कोरोना इलाज के लिए सरकार ने हर तरह की फीस पहले ही तय कर दी है। इसके बावजूद अस्पताल वालों ने 40 से 50 गुना तक वसूला। कई जगह प्रशासन ने दखल देकर ज्यादा वसूली गई फीस वापस भी कराई। हॉस्पिटल में बेड फुल होने पर एक बेड के लिए 50 हजार से एक लाख रुपये तक चार्ज किए गए। हाईकोर्ट की बेंच ने सरकार से सात दिन में पूरी स्थिति पर जवाब मांगा है।
गजेन्द्र का कहना है कि जब पुलिस-प्रशासन के दखल देने पर कुछ अस्पताल वालों ने ज्यादा ली गई फीस माफ की है तो उनके खिलाफ कार्यवाही भी होनी चाहिए। वहीं बहुत सारे ऐसे लोग भी हैं जिनकी फरियाद कहीं सुनी ही नहीं गई, उनसे भी ज्यादा फीस वसूली गई। ऐसे लोगों को भी राहत मिलनी चाहिए।

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