उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले की घटना ने प्रशासन और शासन के दांवों की कलई खोलकर रख दी है। जहां एक ओर शासन स्तर से राशन वितरित किया जा रहा है वहीं यह तस्वीर जमीनी हकीकत को बयां कर रही है। हालांकि यह बिल्कुल सच है कि कोरोना काल में सरकार की ओर से गरीबों को निशुल्क राशन वितरित किया जा रहा है। लेकिन बावजूद इसके हर गरीब के पास राशन कार्ड या राशन का लाभार्थी होने की पात्रता मौजूद नहीं है। इसी कड़ी में एक बेबस मां ने अपनी 2 साल की बच्ची को भरपेट भोजन ना खिलाने के चलते जिंदा ही जमीन पर दफना दिया। वहीं प्रशासन का दावा है कि महिला मानसिक रूप से अस्वस्थ है, जिसकी वजह से उसने ऐसा कदम उठाया है। लेकिन बच्ची की तस्वीरों के सामने आने के बाद इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि बच्ची पौष्टिक आहार न मिलने के कारण स्वस्थ नहीं है यानी अगर प्रशासन की ओर से पोषक तत्व दिए जा रहे हैं तो सवाल यह उठ रहा है कि बच्ची कुपोषित कैसे है।
डिस्ट्रिक्ट प्रोबेशन अधिकारी सुशील कुमार सिंह का दावा है कि महिला के पति की मौत के बाद महिला मानसिक रूप से अवसाद ग्रस्त है इसलिए उसके द्वारा ऐसा कदम उठा लिया गया। वहीं अफसर द्वारा यह भी बताया गया कि आंगनबाड़ी केंद्र से बच्ची को सूखा राशन यानी पोषक तत्व दिए जा रहे हैं। जबकि बच्चे की तस्वीर सामने आने के बाद यह साफ जाहिर हो रहा है कि बच्ची कुपोषित है, तो आखिर सिर्फ कागजी कार्यवाही में ही बच्ची को पोषक तत्व दिए जा रहे हैं या वाकई आंगनवाड़ी द्वारा यह पोषक तत्व दिए गए हैं। अब बच्ची की मां द्वारा बच्ची को दफनाए जाने की सूचना से प्रशासन में हड़कंप मच गया है। जिसके तहत जिस कार्यवाही को करने में काफी समय लग जाता था, उस कार्यवाही को करने के लिए आनन-फानन में कुछ ही घंटों में एक नहीं बल्कि तीन-तीन विभागों की आख्या प्रस्तुत की गई।
सुशील कुमार सिंह ने आगे बताया कि लोनार थाना क्षेत्र के अंतर्गत सकरौली ग्राम में एक महिला ने अपनी बच्ची को ज़िंदा दफन करने की कोशिश की।वहीं चाइल्ड लाइन को ग्राम सकरौली से यह सूचना मिली कि एक महिला द्वारा अपनी ज़िंदा बच्ची को दफनाने का प्रयास किया गया है। इस सूचना के मिलते ही टीम मौके पर पहुंची और बच्ची का बचाव करते हुए एनआरसी में इलाज के लिए भर्ती कराया। चाइल्डलाइन द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक वन स्टॉप सेंटर में महिला की काउंसलर द्वारा काउंसलिंग करा दी जाएगी और प्रशासन की ओर से हर संभव सहायता दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
अब इस मामले के सामने आने के बाद जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने कहा है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सीडीपीओ को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।मिली जानकारी के मुताबिक हरदोई के लोनार थाना सकरौली गांव में भगवानदीन की 2 वर्ष पहले मौत हो गई थी। भगवान दीन के 3 बच्चे और पत्नी मौजूद हैं। भगवानदीन की मौत के बाद उसकी पत्नी एक बेटा और दो बेटियां गांव में मांग कर या कुछ छोटा मोटा काम करके भरण पोषण करता है। खाने पीने की व्यवस्था ना होने के कारण भगवानदीन की बहन अपने भाई के छोटे बेटे को अपने साथ ले गई। लेकिन अब भगवान दीन की पत्नी के पास दो बेटियां हैं, जिनका गुजारा महिला काफी मुश्किलों से कर पा रही है। यही कारण है कि अब अवसाद ग्रस्त होकर महिला ने अपनी 2 साल की मासूम को जमीन में जिंदा दफनाने का प्रयास किया।