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हीट वेव-लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया अलर्ट, बचने के लिए अपनाएं ये तरीके

by admin
Health department issued alert regarding heat wave-loo, follow these methods to avoid

लू अथवा हीट वेव को देखते हुए उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी जिलों को अलर्ट किया गया है। हीट वेव से निपटने के लिए दिये निर्देशों में कहा है कि बढ़ती हुई गर्मी को देखते हुए जब तापमान पांच दिनों तक सामान्य से 5 डिग्री सेल्सियस अधिक अर्थात 45 डिग्री सेल्सियस हो जाता है तो हीट वेव की श्रेणी में माना जाया और उसके लिए आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं सहित सभी तैयारियां पूर्ण कर लें। इसके अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा जनपद की जनता को कुछ सावधानियां और समय से आवश्यक जानकारियों को बताते हुए कहा है कि वे लू हीट वेव के सचेत रहें जिसके लिए कुछ सावधानियों के साथ सुझाव भी दिए हैं।

सामान्यतः 37 डिग्री सेल्सियस तक मानव शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता परन्तु इससे ऊपर तापमान होने पर गर्मी शरीर को प्रभावित करने लगती है जिसके कारण शरीर पर उसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं। जिसके लिए कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए ताकि अपने आप को हीट वेव से सुरक्षित किया जा सके वे सावधानियां हैं….

1- सन बर्न (Sun burn) – त्वचा का लाल होना तथा दर्द, सूजन, फफोले बुखार और सिर दर्द होने पर साबुन का इस्तेमाल करते हुए शावर आदि से स्नान कराएं जिससे तेल से बन्द रंध्र खुल जाय एवं शरीर प्राकृतिक रूप से शरीर डन्डा हो सके। इसके अलावा सूखे और विसंक्रमित ड्रेसिंग का उपयोग करें तथा अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर चिकित्सीय सलाह लें।

2- हीट क्रम्पस (Heat Cramps) – उदर अथवा पेट , हाथ , पैरों की मांसपेशियों में तकलीफदेह ऐंठन और अधिक पसीना आने पर पीड़ित व्यक्ति को ठन्डे और छायादार स्थान पर ले जाकर कैंम्पिग मांसपेशियों पर दबाव डालें और मालिश करें पानी की बूंद बूंद पिलायें। अगर पानी से जी मिचलाये तो पानी देना बन्द कर दें।

3- हीट एक्जाशन (Heat Exhaustion) -अत्यधिक पसीना आना, कमजोर , त्वचा ठन्डी, पीली और चिप चिपी, सिर दर्द, सामान्य तापमान, बेहोशी तथा उल्टी होने पर व्यक्ति को ठन्डे स्थान पर लिटायें, वस्त्रों को ढ़ीला करें ठन्डे कपड़े का उपयोग करें, मरीज को पंखा करें या वातानुकूलित स्थान पर ले जायं, पानी की बूंद बूंद करके पिलाएं। यदि जी मिचलाये तो पानी पिलाना बंद कर दें। यदि उल्टी होती है तो 108 या 102 नम्बर की एम्बुलेंस द्वारा चिकित्सालय में भर्ती कराएं।

4- हीट स्ट्रोक (Heat stroke) ( सन स्ट्रोक Sun stroke) – उच्च शारीरिक तापमान 106 डिग्री फारेनहाइट या अधिक तापमान, गर्म और सूखी त्वचा, तेज़ जोरदार नाड़ी (पल्स), बेहोशी आना और मरीज़ को पसीना आना बंद हो जाय तो ये मानना चाहिए कि हीट स्ट्रोक गम्भीर चिकित्सीय स्थिति है तो मरीज को तत्काल ठन्डे वातावरण में ल जायं। बर्फीले पानी की स्पन्जिग करते रहें। तत्काल 108 या 102 नम्बर की एम्बुलेंस द्वारा चिकित्सालय में भर्ती कराएं। इसके लिए विलम्ब करना प्राण घातक साबित हो सकता है।

आगरा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने जनता को जागरूक करते हुए कहा है यदि सामान्य जन सूझबूझ और सतर्कता से कार्य करते हैं तो किसी भी तरह की अनहोनी और जनहानि से बचा जा सकता है। हमारे चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण हमेशा आपकी सेवा में तत्पर है।

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