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आगरा को मूर्खों का ऐतिहासिक नगर घोषित करे सरकार, इस संस्था ने की अनोखी मांग, जाने क्यों

by admin
Government should declare Agra as a historic city of fools, this institution has made a unique demand, know why

आगरा। विगत 35 वर्षों से होली के अवसर पर संस्कार भारती द्वारा आयोजित किया जाने वाला महामूर्ख सम्मेलन इस बार संस्कार भारती की रामबाग समिति द्वारा रविवार को यमुना ब्रिज स्थित श्यामलाल सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित किया गया। महामूर्खों ने हास्य रस की चासनी में डूबे हँसगुल्लों की मार से श्रोताओं को काँव-काँव करने के लिए विवश कर दिया।

गर्दभ देव का किया पूजन-

समारोह का शुभारंभ गर्दभ देव के पूजन और सामूहिक स्तुति से किया गया। बोल थे- “ओम जय गर्दभ देवा, स्वामी जय गर्दभ देवा। हम सब मूरखजन की स्वीकारो सेवा। भेजे में भुस भर्ता, बुद्धि के हर्ता। हम सब मूरखजन के तुम पालनकर्ता।”

सरकार से रखी माँगें-

स्वागताध्यक्ष डॉ. पंकज नगायच ने स्वागत भाषण देते हुए आगरा के सांसद के समक्ष माँगें रखीं और निवेदन किया कि वे इन माँगों को संसद में सरकार के समक्ष उठाएँ।
ये रही माँगें –

  1. आगरा को मूर्खों का ऐतिहासिक नगर घोषित किया जाए।
  2. आगरा में मूर्खानंद विश्वविद्यालय स्थापित किया जाए।
  3. आगरा के पागलखाने पर मूर्खों का कार्यालय खोलने की अनुमति दी जाए।
  4. मूर्खों को सभी सरकारी सुविधाएँ प्रदान की जाएँ।
  5. काक श्री को मूर्खों का राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया जाए और काक महाशय को प्रतिदिन आदर से बुलाकर भोजन करवाया जाए।
  6. गर्दभ राज के काम करने का समय निश्चित किया जाए। जो मालिक अन्याय करे उस पर धारा 307 लागू की जाए।
  7. गर्दभ राज को चिकित्सा, शिक्षा और आवास की निशुल्क सुविधा दी जाए तथा उनके भोजन के मेन्यू की जाँच प्रतिदिन मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा की जाए।

मूर्ख कलाविदों को मिलीं उपाधियाँ –

समारोह में संगीतज्ञ डॉ. सदानंद ब्रह्म भट्ट को मूर्खाधिराज, रंगकर्मी अनिल जैन को मूर्ख शिरोमणि, लोक गायक नीरज शर्मा को काक शिरोमणि और कवि भूषण रागी को मूर्ख मणिरत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया। सभी अतिथियों एवं उपाधि धारकों को प्रशस्ति पत्र, बाजू हीन कुर्ता, गर्दभ कलगी युक्त पगड़ी, सब्जियों की माला और गोभी का फूल देकर सम्मानित किया गया।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बाँधा समाँ-

समारोह में सदानंद ब्रह्म भट्ट ने होली गायन, नीरज शर्मा और हरीश यादव ने ख्याल गोई गायन, अनिल जैन, उमाशंकर मिश्र और उनके साथियों ने नुक्कड़ नाटक, नौटंकी कलाकार रवींद्र गौतम ने नृत्य, गुड्डू व उनके साथियों ने लोकगीत तथा भूषण रागी ने अपनी कविताओं की प्रस्तुति से सबको भावविभोर कर दिया। गीतकार डॉ. राघवेंद्र शर्मा की होली के रंग में सराबोर सरस्वती वंदना को भी खूब सराहना मिली।

कार्यक्रम का संचालन संस्कार भारती के अखिल भारतीय साहित्य प्रमुख राज बहादुर सिंह राज ने और अध्यक्षता ढेंचूलाल मूर्खानंद रामअवतार यादव ने की। समारोह के मुख्य अतिथि सांसद प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल रहे।

समारोह में सुभाष अग्रवाल, अजय अवस्थी, मलखान सिंह तोमर, राजेंद्र प्रसाद गोयल, नूतन अग्रवाल ‘ज्योति’, यशोधरा ‘यशो’, रूपा गुप्ता, राजीव शर्मा, आलोक आर्य, नीलू शर्मा, दिगंबर सिंह धाकरे, आर के शुक्ला, फूलचंद गुप्ता, एसके मिश्रा, सुशील दौनेरिया, आशीष अग्रवाल, हरिमोहन सिंह कोठिया, सुरजीत गुप्ता, यतेंद्र सोलंकी और नितिन गुप्ता प्रमुख हुड़दंगियों के रूप में शामिल रहे।

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