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50 वर्ष पुरानी नगर निगम की डिस्पेंसरी वापस दो…ताजगंज क्षेत्र के लोगों ने लगाए नारे

by admin
Give back the dispensary of 50 years old municipal corporation people of Tajganj area raised slogans

आगरा। स्मार्ट सिटी योजना के तहत ताजगंज क्षेत्र को विकसित और स्मार्ट बनाए जाने की कवायद की जा रही है। लेकिन 50 साल पुरानी नगर निगम की डिस्पेंसरी की ओर किसी का ध्यान नहीं है। विभागों के बीच में फंस गया इसका जीर्णोंद्धार।

स्मार्ट सिटी योजना के तहत ताजगंज क्षेत्र को विकसित और स्मार्ट बनाए जाने की कवायद की जा रही है। इसमें सभी योजना के तहत क्षेत्र की मूलभूत सुविधाओं को और ज्यादा दुरुस्त बनाए जाने का कार्य होना है लेकिन क्षेत्र की मूलभूत सुविधाओं को भी अमली जामा नहीं पहनाया जा रहा है जिसका जीता जागता उदाहरण कटरा फुलेल में 50 वर्ष पुरानी नगर निगम की डिस्पेंसरी है। स्मार्ट सिटी के तहत इस डिस्पेंसरी का जीर्णोद्धार का काम होना था। लगभग 2 साल होने को आए लेकिन इस डिस्पेंसरी के जीर्णोद्धार के लिए आज तक एक ईट तक नहीं लग सकी है।

लगभग 50 वर्ष पुरानी है निगम की डिस्पेंसरी:-

ताजगंज क्षेत्र के कटरा फुलेल में 50 वर्ष पुरानी नगर निगम की डिस्पेंसरी इन दिनों अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। पिछली वर्ष स्मार्ट सिटी योजना के तहत डिस्पेंसरी का कार्या होना था। स्मार्ट सिटी विभाग के अधिकारियों ने एएसआई से कार्या के लिए अनुमति मांगी लेकिन आज तक एएसआई द्वारा निर्माण की अनुमति न मिलने से अब डिस्पेंसरी खंडहर में तब्दील हो चुकी है। स्मार्ट सिटी योजना के तहत डिस्पेंसरी का पुनर्निर्माण को लेकर क्षेत्रीय लोगों की मांग उठने लगी है।

दो विभागों के बीच अटका डिस्पेंसरी के जीर्णोद्धार का कार्य:-

नगर निगम की डिस्पेंसरी इन दिनों अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर है। पिछली वर्षों स्मार्ट सिटी योजना के तहत डिस्पेंसरी का कायाकल्प होना था। स्मार्ट सिटी विभाग के अधिकारियों ने एएसआई से कायाकल्प के लिए अनुमति मांगी। आज तक एएसआई द्वारा निर्माण की अनुमति न मिलने से अब डिस्पेंसरी खंडहर में तब्दील हो चुकी है। अब हालात ऐसे हैं कि डिस्पेंसरी में छत ना होने की वजह से ना तो चिकित्सक यहां पर आते हैं ऑनलाइन पैरामेडिकल स्टाफ।

यही वजह है कि क्षेत्र के लाखों की तादात में लोग स्वास्थ्य सेवाओं से वचित हो रहे हैं। लेकिन दो विभागों के बीच में डिस्पेंसरी के जीर्णाेद्धार की योजना अधर में लटक कर रह गई। अब हालात ऐसे हैं कि डिस्पेंसरी में छत ना होने की वजह से ना तो चिकित्सक यहां पर आते हैं ऑनलाइन पैरामेडिकल स्टाफ। यही वजह है कि क्षेत्र के लाखों की तादात में लोग स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित हो रहे हैं। क्षेत्रीय लोगों ने कई बार जिम्मेदार अधिकारियों से इसके जीर्णाेद्धार को आगे बढ़ाने को लेकर शिकायत भी दर्ज कराई है। लेकिन हालात आज भी जस के तस बने हुए हैं।

डिस्पेंसरी को शुरू कराये जाने की उठी मांग:-

स्मार्ट सिटी योजना के तहत डिस्पेंसरी का पुनर्निर्माण को लेकर क्षेत्रीय लोगों की मांग उठने लगी है। क्षेत्रीय निवासी चेतन अरोड़ा ने क्षेत्रीय लोगों के सहयोग से स्लोगन लेकर अभियान चलाकर नगर निगम की डिस्पेंसरी को पुनः चालू करने की मांग उठाई है। नगर निगम की डिस्पेंसरी बंद होने की वजह से क्षेत्र के लाखों की तादात में निवासी बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भी निजी अस्पतालों की ओर जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल पर हुई शिकायत:-

क्षेत्रीय लोगों ने मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल पर इस समस्या की शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए समस्या का समाधान ना करा कर मामले को रफा-दफा कर दिया। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि इस डिस्पेंसरी के बंद होने से हजारों की तादात में क्षेत्र के गरीब मजदूर बेसहारा और ताजमहल के दीदार को आने वाले पर्यटक बुनियादी चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में जी रहे हैं।

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