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पुलिस के दुलार पर बालिकाओं ने तोड़ी चुप्पी, सीखे सुरक्षा और आत्मरक्षा के गुर

by pawan sharma

आगरा। सर पुलिस से मदद कैसे मांगे, उनसे डर लगता है। इसलिए चुपचाप शोषण सहन करते हैं, यह कहना था रकाबगंज स्थित एंग्लो बंगाली स्कूल की छात्राओं का। कवच अभियान के तहत शनिवार को स्कूल में बालिका जागरूकता का सत्र चल रहा था। इसी दौरान मास्टर ट्रेनर और महफूज संस्था के समन्वयक नरेश पारस ने बालिकाओं से पूछा कि विषम परिस्थितियों में पुलिस से मदद लेते हो क्या ? इस पर छात्राएं बोलीं कि सर पुलिस से डर लगता है इसलिए मदद नहीं मांगते हैं। उनका व्यवहार भी ठीक नहीं रहता। इस पर नरेश पारस ने बताया कि पुलिस हमारी सुरक्षा के लिए है। उन्होंने साथ आए पुलिस उपनिरीक्षकों से बालिकाओं से संवाद करने को कहा कि वह उनसे मित्रवत व्यवहार करें।

कार्यक्रम में आये थाना रकाबगंज के उपनिरीक्षक पूजा शर्मा, चरन सिंह, आर एन कुरील, जितेंद्र कुमार और महिला कांस्टेबल रजनी शर्मा ने संयुक्त रूप से कहा कि हम हमेशा आपकी सुरक्षा के लिए तत्पर हैं। यदि कोई भी मदद न मिले और कोई हेल्पलाइन नंबर काम न करे तो सौ नंबर डायल करें। दस मिनट में पुलिस आपके पास होगी। उन्होंने सभी महत्वपूर्ण नंबरों की जानकारी दी। बालिकाओं ने भी पुलिस के साथ खुलकर चर्चा की। नरेश पारस ने बालिकाओं को कवच अभियान की जानकारी दी। इस पर छात्राएं बोलीं कवच मतलब लाइफ कार्ड।

अजय चाहर और मनोरमा यादव के निर्देशन में बालिकाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए गये। महिला दरोगा पूजा शर्मा और कांस्टेबल रजनी शर्मा ने भी बालिकाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए।

बाल कल्याण समिति सदस्य विनीता कुलश्रेष्ठ, आशा गुप्ता, चाइल्ड लाइन की रितु वर्मा, आरती गौतम और शिवशंकर झा ने बालिकाओं को सुरक्षित रहने के टिप्स दिए। विनीता कुलश्रेष्ठ ने कहा कि आपकी मदद के लिए तब तक कोई नहीं आएगा जब तक आप खुद सशक्त नहीं होगी। इसलिए आपको भी आगे आना होगा। इस स्कूल में कुल 198 बच्चों ने भाग लिया। इसके अलावा मधुनगर के नेताजी सुभाष चंद्र कन्या इंटर कालेज, राजकीय उ.मा.वि. दिगनेर तथा टेढ़ी बगिया स्थित आचार्य भारती सेंट्रल प.कं.उ.मा.वि. में भी आशा ज्योति केंद्र, जिला बाल संरक्षण इकाई तथा चाइल्ड लाइन के लोगों ने बालिकाओं को जागरूक किया।

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