आगरा। गर्मी और उमस के बीच पानी की जद्दो-जहद ने पसीना-पसीना कर दिया। ताजनगरी की आधी आबादी को 22 घंटे बाद भी पानी नहीं मिला। जलकल विभाग जीवनीमंडी और सिकंदरा की मशीनें फेल हो गई। पलाड़ा झाल से गंगाजल की आपूर्ति ठप हो गई। इसके बाद शहर के बड़े हिस्से में वाटर सप्लाई बंद हो गई। पानी के लिए वर्तन लेकर लोग इधर-उधर और सरकारी नलों की ओर भागे। इस संबंध में जलकल विभाग के अधिकारियों ने गंगा नहीं मिलने और गंगा के पानी में मिट्टी और सिल्ट आने का ठिकरा फोड़ा है।
बुधवार को सुबह भी शहर के प्रमुख इलाके जीवनीमंडी, बेलनगंज, कचहरी घाट, यमुना किनारे, रावतपाड़ा, पीपल मंडी, काला महल, कृष्णा कालोनी, गधापाड़ा, रिंगरोड, मंटोला, बिजलीघर समेत आधे से अधिक इलाकों में पानी की सप्लाई बंद हो गई। नलों से पानी नहीं आने पर महिला, पुरुष और बच्चे पानी का वर्तन लेकर दौड़ पड़े। इस दौरान सरकारी से लेकर भूगर्भ जल स्रोतों पर भार बढ़ गया। गर्मी और उमस के बीच दूर से पानी भर कर लाने में बड़े-बड़े और बच्चों को पसीना आ गया।
इन संबंध में जलकल विभाग के महाप्रबंधक आरएस यादव का कहना है कि पलाड़ा झाल से गंगाजल की आपूर्ति बंद हो गई है। वहां से मात्र 150 एमएलडी गंगाजल मिला है। इसमें सिल्ट और मिट्टी अधिक होने से मशीनों ने काम करना बंद कर दिया। इससे वाटर सप्लाई पर प्रभावित हुई है। मशीनों की सफाई कराई जा रही है। देर शाम तक वाटर सप्लाई सुचारू होने का अनुमान है।