उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में मंगलवार को अंधविश्वास की जीती जागती तस्वीर उस वक्त देखने को मिली जब गंगा नदी में लकड़ी का बक्सा उतराता नजर आया। वहीं नदी किनारे रह रहे नाविक ने जब बक्से को नदी में बहता देखा तो उस बक्से के पास पहुंचा और नाविक ने लकड़ी के उस बॉक्स को खोल कर देखा तो देखकर हैरान रह गया। दरअसल बॉक्स को खोलने पर नाविक को एक नवजात बच्ची बक्से में रखी दिखाई दी। वहीं लकड़ी के बॉक्स में आसपास मां दुर्गा की तमाम तस्वीरें ,माता की चुन्नी और कई इस तरीके की वस्तुएं बॉक्स में रखी हुई दिखाई दीं। इतना ही नहीं नवजात बच्ची की जन्मकुंडली भी उस बॉक्स में ही रखी हुई थी। वहां रहने वाले लोगों ने जब इस घटना की जानकारी पुलिस को दी तो सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। वहीं पुलिस ने बच्ची को अपने कब्जे में लेकर उसे आशा ज्योति केंद्र पहुंचाया जहां चिकित्सकों द्वारा बच्चे स्वस्थ बताई गई।
हालांकि इस घटना के सामने आने के बाद पुलिस उन लोगों की तलाश भी कर रही है जिन्होंने इस तरह बच्ची को मरने के लिए छोड़ दिया। लेकिन यह कहावत बिल्कुल सत्यता की कसौटी पर खरी उतरती है कि जाको राखे साइयां मार सके ना कोई। आखिरकार बच्ची नाविक को दिखी और बच्ची की जान बच सकी। यहां तक कि नाविक उस बच्ची को पालने के लिए भी तैयार था लेकिन आसपास के लोगों ने इस घटना की जानकारी पुलिस को दे दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई और बच्ची को अपने कब्जे में ले लिया।
दरअसल मामला सदर कोतवाली क्षेत्र के ददरी घाट का है। जहां रहने वाले गुल्लू चौधरी मल्लाह हैं। मौके पर पुलिस जब पहुंची तो मल्लाह ने पुलिस को जानकारी दी कि मंगलवार शाम उसे नदी के किनारे लकड़ी का बॉक्स मिला था। जिसमें से रोने की आवाजें आ रहीं थीं।वहीं जब मल्लाह को लोगों ने देखा तो घाट पर मौजूद कुछ और लोग भी इकट्ठा हो गए और बॉक्स खोलते ही मौजूद सभी लोग देखकर दंग रह गए। बता दें बच्ची लाल रंग की चुनरी में लिपटी हुई थी।
इस घटना के सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवजात बच्ची का चिल्ड्रन होम में रख कर पालन-पोषण करने का आदेश दिया है। सीएम योगी ने जिलाधिकारी गाजीपुर आदेश देते हुए कहा कि नवजात बच्ची को children-home में रखा जाए। बच्चे की देखभाल का सारा खर्चा सरकार उठाएगी। अलावा इसके बच्चे की जान बचाने वाले नाविक को भी सरकारी आवास सहित सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। खास बात यह है कि गंगा नदी में मिलने वाली इष बच्ची का नाम भी कुंडली में गंगा ही लिखा हुआ है। इसके साथ ही बता दें कि बच्ची का जन्म 25 मई को हुआ था यानी कि बच्ची की उम्र महज 3 सप्ताह की है। मिली जानकारी के मुताबिक नाविक पहले बच्ची को अपने घर ले गया था जहां उसके परिवारीजन बच्ची को पालना चाहते थे लेकिन आसपास रहने वाले लोगों ने जब पुलिस को सूचना दे दी तो सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची।बहरहाल गंगा नाम की बच्ची का गंगा में मिलना चर्चा का विषय बना हुआ है। इस घटना से अफवाहों का बाजार भी गर्म है जिसमें यह कहा जा रहा है कि बच्ची को अंधविश्वास या तांत्रिक अनुष्ठान को पूरा करने के लिए बहाया गया है।
गाजीपुर के डीएम मंगला प्रसाद सिंह गुरुवार को महिला अस्पताल पहुंचे जहां उन्होंने नवजात बच्ची की सेहत का अपडेट लिया। उन्होंने डॉक्टरों से बच्ची के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। इसके बाद डीएम गंगा में बच्ची पाने वाले नाविक गुल्लू चौधरी के घर भी गए। डीएम ने नाविक से पूरे मामले को लेकर बात की। नाविक की मांग पर उन्होंने नाविक को 1 नाव देने का संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया । वहीं डीएम ने बताया कि, सीएम के निर्देश पर बच्ची के पालन पोषण के लिए जरूरी कार्य किए जा रहे हैं।