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फाउंड्री नगर पुलिस चौकी इंचार्ज के ख़िलाफ़ एक जुट हुआ जनप्रतिनिधि व समाज, खंबे से बांध थर्ड डिग्री देने का आरोप

by admin
Founder city police outpost incharge against the charge of giving third degree to the public representatives and society, Dam from the pillar

Agra. फाउंड्री नगर पुलिस चौकी इंचार्ज विनीत राणा के खिलाफ आखिरकार शहर के जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ समाज के लोगों ने पीड़ित उपाध्याय परिवार के साथ मिलकर मोर्चा खोल दिया है। पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने की मांग को लेकर भाजपा जनप्रतिनिधियों के साथ बसपा के पूर्व विधायक और समाज के लोग पीड़ित के घर के बाहर ही धरने पर बैठ गए। इस दौरान पीड़ित परिवार ने चौकी इंचार्ज की बेरहमी और क्रूरता के दिए गए निशान और शरीर पर दिए गए घाव को भी दिखाया। उन्होंने चौकी इंचार्ज के साथ-साथ इस घटना में शामिल आरोपी पुलिसकर्मियों को हटाए जाने की मांग की।

आपको बताते चलें कि पिछले दिनों लॉकडाउन में दुकान के खुली मिलने पर पुलिस और उपाध्याय परिवार के बीच विवाद हुआ था। उस समय पुलिस ने आरोप लगाया कि उपाध्याय परिवार के लोगों ने उन पर हमला बोला। इसमें कई पुलिसकर्मियों के चौट आई थी और इसमें एक दरोगा ने मुकदमा दर्ज कराया था। वहीं पीड़ित परिवार ने इन आरोपों को निराधार बताया था लेकिन पुलिस ने इस घटना के बाद सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।

पीड़ित परिवार के लोगों का कहना था कि फाउंड्री नगर चौकी इंचार्ज उन्हें पकड़कर ले गए तो उनकी बेरहमी के साथ पिटाई की गई। पुलिस कर्मियों ने घर की महिलाओं तक को नहीं छोड़ा और अपनी क्रूरता का परिचय देते हुए उन्हें भी बेरहमी के साथ पीटा गया। पुलिस की बेरहमी के निशान उनके शरीर पर साफ दिखाई दे रहे हैं। इतना सब कुछ होने के बाद भी पुलिस ने उन्हें जेल भेज दिया। उपाध्याय परिवार की गिरफ्तारी और फिर उन्हें जेल भेजे जाने का मामले ने तूल पकड़ा। समाज के लोगों के साथ साथ जनप्रतिनिधियों ने फाउंड्री नगर पुलिस चौकी इंचार्ज के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। क्षेत्रीय विधायक व अन्य जनप्रतिनिधियों ने एसपी सिटी से लेकर आईजी तक को इस मामले से रूबरू कराया और उपाध्याय परिवार का पक्ष भी उनके सामने रखा। जमानत से रिहा होने के बाद पीड़ित परिवार ने जब पूरी घटना और पुलिस की क्रूरता के जीते जागते निशान दिखाएं तो समाज और जनप्रतिनिधियों में रोष व्याप्त हो गया। इधर हिन्दूवादी नेता गोविंद पाराशर ने तुरंत चौकी इंचार्ज को हटाए जाने की मांग कर दी।

शुक्रवार को भाजपा के जनप्रतिनिधि, पूर्व विधायक धर्मपाल और समाज की विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी पीड़ित उपाध्याय परिवार के घर पहुँचे, जहां पर सभी ने फाउंड्री नगर पुलिस चौकी के इंचार्ज के खिलाफ धरना दिया और उसे हटाए जाने की मांग की। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाए कि उन्हें बेवजह इस मामले में फंसाया गया और बेरहमी के साथ उनकी पिटाई भी की गई।

पीड़ित का कहना था कि पुलिसकर्मी उन्हें चौकी पर ले गए जहाँ खंभे से बांधकर दबंग दरोगा ने उनकी पिटाई की थी। मेडिकल परीक्षण कराने के बाद थर्ड डिग्री दी गयी। आरोपी दरोगा ने कानून को ताक पर रखकर बेरहमी से थर्ड डिग्री दी। आगरा पुलिस ने थर्ड डिग्री में महिलाओं को भी नहीं बख्शा।

पीड़ित परिवार के लोगों ने बताया कि पुलिस हमे मारते हुए नंगे पांव थाने लेकर गयी, मेडिकल कराने के बाद थाने लेकर आई। थाने में लाकर एसपी सिटी रोहन प्रमोद बोत्रे की मौजूदगी में परिवार के एक एक सदस्य को मारा पीटा गया और कहा गया कि अपने शरीर से या तो हाथ तुड़वा लो या फिर पैर। पुलिस ने महिलाओं के साथ भी मारपीट की। कुछ जगह तो ऐसी है जिसको दिखाया भी नहीं जा सकता जहां पुलिस ने मारा है। इस घटना में इंस्पेक्टर संजय त्यागी, दरोगा विनीत राणा, महिला दरोगा नीतू शर्मा व 4-5 अन्य पुलिस कर्मियों ने हमारे साथ मारपीट की।

हिंदूवादी नेता गोविंद पाराशर ने ऐलान किया कि पुलिस की गुंडागर्दी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने चौकी इंचार्ज फाउंड्री नगर के खिलाफ हुंकार भरते हुए कहा कि जब तक उन्हें हटाया नहीं जाएगा व उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं होगी समाज के लोग आंदोलित रहेंगे।

पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए धरने में शामिल हुए पूर्व विधायक धर्मपाल ने आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उनका कहना था कि पीड़ित परिवार के खिलाफ दर्ज मुकदमा खत्म हो और आरोपी दरोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस के आला अधिकारियों को कार्रवाई करनी चाहिए।

एत्मादपुर विधायक रामप्रताप सिंह चौहान ने कहा कि पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा। एसएसपी आगरा से बात हो गयी है, पीड़ित परिवार से मिलना चाहते है।

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