आगरा। राधास्वामी मत के पांचवें गुरु और आगरा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर अगम प्रसाद माथुर (दादाजी महाराज) का आज बुधवार की दोपहर निधन हो गया। निधन की आधिकारिक घोषणा दोपहर दो बजे के लगभग की गई। उनके निधन की सूचना पाते ही राधास्वामी मत के अनुयायियों में शोक की लहर दौड़ गयी। हजूरी भवन, पीपल मंडी, आगरा में हर कोई राधास्वामी नाम का जाप कर रहा है। अंतिम यात्रा 27 जनवरी को हजूरी भवन से ताजगंज स्थित मोक्षधाम के लिए प्रस्थान करेगी।
हजूरी भवन से जारी सूचना के मुताबिक ‘राधास्वामी सत्संग के आदि केंद्र हज़ूरी भवन पीपल मंडी आगरा के अधिष्ठाता परम पुरुष पूरन धनी दादाजी महाराज प्रोफेसर अगम प्रसाद माथुर ने आज बुधवार को चोला छोड़ दिया है। अंतिम यात्रा दिनांक 27/01/23 दिन शुक्रवार को हज़ूरी भवन पीपल मंडी, आगरा से प्रातः 10 बजे ताजगंज के लिए प्रस्थान करेगी।
जीवन परिचय
27 जुलाई, 1930 को जन्मे ईश्वर अगम प्रसाद माथुर की ख्याति धर्मगुरु, शिक्षाविद विचारक, इतिहासवेत्ता, ऑर्कियोलॉजिस्ट, लेखक, कवि, साहित्यकार के रूप में अधिक रही। उन्होंने कई पुस्तकें लिखीं, जिनके माध्यम से दुनिया भर के राधास्वामी मत के अनुयायी मार्गदर्शन प्राप्त कर रहे हैं।
प्रो. माथुर ने सेंट जॉन्स कॉलेज में शिक्षा प्राप्त की। वे प्रोफेसर के रूप में आगरा कॉलेज के इतिहास विभाग के अध्यक्ष भी रहे। उनके मार्गदर्शन में दर्जनों लोगों ने पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। वे आगरा विश्वविद्यालय के दो बार कुलपति रहे जो एक रिकॉर्ड है। कुलपति के रूप में विश्वविद्यालय में अनेक सुधार किए। तमाम व्यावसायिक पाठ्यक्रम उन्हीं की देन है। हजूरी भवन का वर्तमान स्वरूप भी उन्हीं की देन है। उनके द्वारा किए गए सुधार कार्य सदैव अविस्मरणीय रहेंगे।