योगी सरकार द्वारा जारी किए गए नए आदेश के बाद सोमवार को कानपुर में पहली उस गाड़ी का चालान किया गया जिस पर जातिसूचक शब्द लिखा था। हालांकि कानपुर ही नहीं यह सख्ती उत्तर प्रदेश के हर जिले में है। इसके पहले लखनऊ में रविवार की रात पहला चालान हुआ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के फ़िरोज़ाबाद में भी जाति सूचक शब्द लिखे होने पर चालान किया गया। लेकिन जहां एक तरफ गाड़ियों में दौड़ रहे जातिवाद को खत्म करने के लिए सरकार जुटी हुई है और नया फरमान जारी किया गया है। वहीं कानपुर में एक युवक ने इस फरमान को धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला करार दिया है। जिसके चलते युवक का हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला।
युवक साइकिल पर ब्राह्मण नाम की तख्ती लेकर हर किसी पुलिसकर्मी से चालान करने की गुजारिश करता रहा। दरअसल यह घटना मंगलवार की है जब खुद को शहर में अभिभावक संघ का पदाधिकारी बताते हुए राकेश मिश्रा नाम के व्यक्ति ने हाईवोल्टेज ड्रामा किया।
इस दौरान साइकिल पर उन्होंने “मैं ब्राह्मण हूं” लिखी तख्ती लगा रखी थी और यही सेंटेंस लिखी टोपी भी पहन रखी थी। तस्वीर में दिख रहा यह युवक चौराहे पर आते ही घूम-घूमकर पुलिसकर्मियों से चालान करने की मांग करने लगा।
वहीं चौराहे पर खड़े होकर युवक कहने लगा कि सोमवार को तो पुलिस ने जातिसूचक शब्द लिखे वाहनों का चालान कर दिया था। लेकिन पुलिसकर्मी उसकी बात को अनसुना करते रहे। इसी बीच राकेश ने चौराहे से गुजर रही एक एसपी की गाड़ी को रोक लिया। तब ट्रैफिक पुलिसकर्मी दौड़े और राकेश को पकड़कर किनारे ले आए। तब उस व्यक्ति ने संविधान में दी गई धार्मिक स्वतंत्रता का हवाला देते हुए सरकारी आदेश पर आक्रोश व्यक्त किया।
मौजूद कोतवाली थाना प्रभारी संजीवकांत मिश्र ने बताया कि जातिसूचक शब्द लिखे वाहन के चालान करने का नियम मोटर व्हीकल एक्ट के तहत है। हालांकि यह नियम साइकिल पर लागू नहीं होता है। कुछ समय तक युवक चौराहे पर घूमकर चालान की जिद करता रहा उसके बाद पुलिसकर्मियों ने समझाबुझाकर युवक को शांत कराया।