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आगरा एसएन में 14 दिन की मासूम को ब्लैक फंगस का पहला मामला, सर्जरी हुई सफ़ल

by admin
Cancer patient missing from SN Medical College, ransom of 5 lakhs demanded

Agra. अभी तक सामने आ रहा रहा कि कोरोना संक्रमण से ठीक हुए मरीजों को ब्लैक फंगस अपनी चपेट में ले रहा है क्योंकि उनकी इम्युनिटी पावर कम है लेकिन आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में 14 दिन के मासूम को ब्लैक फंगस होने का मामला सामने आया। इस मामले ने एसएन के चिकित्सकों को भी हिलाकर रख दिया लेकिन चिकित्सकों ने उसका ऑपरेशन किया और उसकी जान बच गयी।

डॉक्टरों का दावा है कि ये देश का ऐसा पहला मामला है जिसमें जब कोई नवजात ब्लैक फंगस से संक्रमित हुआ और 14 दिन में उसका ऑपरेशन किया गया। SN मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभाग की टीम ने बच्चे का सफल ऑपेरशन किया।

कम उम्र की बच्ची का यह पहला मामला-

एसएन मेडिकल कॉलेज के नोडल अधिकारी डॉ. अखिल प्रताप ने बताया कि बच्ची अब खतरे से बाहर है। ऑपेरशन के बाद विशेषज्ञ डॉक्टर उसकी देखरेख कर रहे हैं। कोविड की दूसरी लहर में पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन के दौरान फंगस की बीमारी के मरीज सामने आ रहे हैं। पूरे देश में इतनी कम उम्र की बच्ची का यह पहला मामला सामने आया है जिसे ब्लैक फंगस हुआ हो और उसका ऑपेरशन किया गया हो। बच्ची अभी बीमारी से मुक्त है पर अभी उसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है।

गाल पर काला दाग ब्लैक फंगस था-

जिस बच्ची का फंगस का ऑपेरशन किया गया है वो हाथरस की है। जिसे शनिवार को परिजनों ने एसएन में भर्ती कराया था। बताया जाता है कि 14 दिन पूर्व जन्मी बच्ची की जन्म के बाद से ही तबियत खराब थी और उसे निजी अस्पताल के एनआईसीयू में भर्ती किया गया था। इस दौरान बच्ची के गाल पर काला दाग नजर आ रहा था। शनिवार को बच्ची के परिजन उसे लेकर आगरा के SN मेडिकल लाए थे। बच्ची की हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे भर्ती कर लिया और ऑपरेशन की बात कही।

चिकित्सकों ने बताया कि परिजनों की रजामंदी के बाद उसका ऑपरेशन किया गया जो सफल रहा। बच्ची के संपर्क में लगातार रहने के चलते निजी अस्पताल और परिवार के लोगों को जरूरी हिदायत दी गई है। वर्तमान में एसएन मेडिकल कॉलेज में फंगस के 40 मरीज भर्ती हैं और इनमें से 32 में पुष्टि है और 8 अभी संदिग्ध हैं।

एक सर्जरी और की जाएगी-

डॉ. अखिल प्रताप ने बताया कि बच्ची की तबियत ठीक हो जाने के बाद एक और सर्जरी की जाएगी। शरीर के किसी हिस्से से मांस और चमड़ी निकालकर उसके गाल की जगह पर सर्जरी होगी। उसकी उम्र बहुत कम है, इसलिए सर्जरी के बाद बड़े होने पर उसके चेहरे पर न के बराबर निशान ही रहेंगे। हालांकि अभी बच्ची का दिल और किडनी ठीक से काम नहीं कर रहा है।

चिकित्सकों को धन्यवाद-

बच्ची की मां का कहना है कि बच्ची के ऑपेरशन को लेकर वो चिंतित थी लेकिन ऑपेरशन सफल होने से वह काफी खुश है। उन्होंने कहा कि वास्तव में डॉक्टर उनके लिए भगवान बनकर आये है। इसके लिए उन्हें धन्यवाद है।

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