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यूपी के इस शहर में महामारी एक्ट के तहत पहला मुक़दमा दर्ज

by admin

आगरा। ताजनगरी में स्वास्थ्य विभाग को बिना सूचना दिए कोरोना वायरस पॉजिटिव महिला की सूचना छिपाने, जांच न कराने और स्वास्थ्य विभाग की टीम को सहयोग न करके सरकारी कार्य में बाधा डालने को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से सदर थाने में रेलवे कर्मचारी व संदिग्ध मरीज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। आईपीसी की धारा 269 और 270 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। यह धाराएं महामारी के दौरान प्रशासन को सहयोग न करना और ऐसा काम करना जिससे बीमारी फैले से संबंधित है। सदर थाने में संदिग्ध मरीज और उसके परिजनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने की पुष्टि खुद एसएसपी बबलू कुमार ने की। यह उत्तर प्रदेश में पहला मामला होगा जब महामारी एक्ट के तहत किसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

बताया जाता है कि महिला इटली में पति के साथ हनीमून मनाकर वापस लौटी थी। भारत वापसी के बाद पति कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया तो महिला को भी आइसोलेट किया गया। लेकिन महिला आइसोलेशन वार्ड से निकलकर अपने मायके आगरा पहुंच गई। यहां भी कोरोना वायरस की पुष्टि के बाद भी परिजनों ने बेटी को छुपाया था।

कैंट रेलवे कॉलोनी निवासी रेलवे कर्मचारी की बेटी का विवाह एक माह पहले बेंगलुरु में नौकरी करने वाले युवक के साथ हुआ था। शादी के बाद दोनों हनीमून मनाने के लिए इटली गए थे। इटली से लौटने के बाद पति में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई। महिला बीते गुरुवार को आगरा कैंट पहुंची थी। यहां पहुंचने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसे रेलवे अस्पताल में भर्ती करवाया। उसे जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड भेजा गया। जहां से सैंपल लेकर जांच के लिए अलीगढ़ भेजा गया।

शुक्रवार की दोपहर रिपोर्ट में कोरोना वायरस की पुष्टि होने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम पीड़ित के घर पहुंची तो परिजनों ने महिला के दिल्ली जाने की सूचना दी लेकिन उसके बारे में सही जानकारी नही दे रहे थे। इस पूरे मामले को सीएमओ ने गंभीरता से लिया, पुलिस बुलाई गई। बात3 नही बनी तो सीएमओ ने खुद जिलाधिकारी को फोन करके सारी स्थिति से अवगत कराया। मामला गंभीर देख जिलाधिकारी ने डीआरएम को फोन किया। डीआरएम के हस्तक्षेप के बाद कोरोना वायरस संक्रमित महिला को परिजनों ने घर से बाहर निकाला और फिर चिकित्सकों ने उसे एसएन के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया।

इस पूरे मामले को जिला अधिकारी पीएन सिंह ने गंभीरता से लिया और डीआरएम को पत्र लिखकर अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के दिशा निर्देश जारी किए थे। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की हरकत में आया था और इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया था। स्वास्थ्य विभाग की ओर से क्षेत्रीय थाने में तहरीर दी गई जिसके बाद संदिग्ध मरीज और परिजनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

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