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ताजनगरी के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अंग्रेजी कवि राजीव खंडेलवाल की पांचवी काव्य-कृति आई सामने

by admin

आगरा। लेबनान की फाउंडेशन फॉर ग्रेटिस कल्चर द्वारा वर्ष 2018 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित ताजनगरी के ख्याति प्राप्त इंग्लिश लव पोइट और एक्सपोर्टर राजीव खंडेलवाल की पांचवी काव्य-कृति “ड्वैलिंग विद डिनायल” को पद्मश्री से सम्मानित ययाति मदन जी गांधी ग्रुप ऑफ पब्लिकेशन द्वारा संचालित द पोइट्री सोसाइटी ऑफ इंडिया, गुड़गांव ने प्रकाशित किया है। इस कृति में राजीव कवि द्वारा रचित 75 नई कविताएं संकलित हैं। इनमें से 62 कविताएं पहले ही देश-दुनिया की नामचीन अंग्रेजी पत्रिकाओं और जनरल्स में प्रकाशित होकर सबकी सराहना पा चुकी हैं। समकालीन इंडियन इंग्लिश पोएट्री का इतिहास लिखने वाले सुप्रसिद्ध कवि और आलोचक पीसीके प्रेम ने इस पुस्तक की भूमिका लिखते हुए राजीव खंडेलवाल को अनूठे बिम्बों और प्रतीकों का कवि कह कर उनकी कविताओं की सराहना की है।

कवि राजीव खंडेलवाल ने बताया कि कोविड-19 के संबंध में सरकार के स्पष्ट निर्देश हैं कि बिना जरूरी काम के न घर से बाहर जाएं, न घर पर किसी को बुलाएं। इस निर्देश को ध्यान में रखते हुए वे अपनी पुस्तक का लोकार्पण एहतियात बरतते हुए नहीं करा रहे हैं। कवि राजीव खंडेलवाल की पांचवी काव्य-कृति के प्रकाशन पर पोएट्री टुडे के संपादक प्रदीप चौधरी, डॉ. भूपेंदर परिहार, डॉ. शलीन सिंह, डॉ. जूलिया देवर्धि, डॉ. कैलाश अहलूवालिया, डॉ. एनके घोष, डॉ. आरएस तिवारी शिखरेश, डॉ. अनुज अग्रवाल, सौरभ अग्रवाल, अजय खंडेलवाल, अनिल कुमार शर्मा, सुनील शर्मा, दीपक गुप्ता और इशिका बंसल सहित आगरा और आगरा से बाहर के अनेक साहित्यकारों ने हर्ष व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी है।

गौरतलब है कि कॉच शेल एंड कॉउरीज, लव इज अ लॉट ऑफ वर्क, अ मॉनूमेंट टू पिजन और टाइम टू फॉरगेट सहित राजीव खंडेलवाल के चार अंग्रेजी कविता संग्रह पूर्व में प्रकाशित और प्रशंसित हो चुके हैं। साथ ही, इनके रचनात्मक अवदान पर प्रोफेसर बीवीवी राम-राव, स्व. डॉ. सोम पी रंचन और डॉ. भूपेंद्र परिहार द्वारा शोध परक समीक्षात्मक पुस्तकें भी लिखी गई हैं। इनके प्रकाशित खंडों को कविता पत्रिकाओं के 20 शिक्षाविदों-आलोचकों और संपादकों से अनुकूल समीक्षा मिली है। इनकी कविताओं का हिंदी अनुवाद भी प्रकाशन की प्रक्रिया में है। विगत वर्ष अमृता विद्या एजुकेशन फॉर इममॉरटैलिटी सोसायटी द्वारा भी साहित्यिक उपलब्धियों के लिए इनका सम्मान किया गया था।

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