Agra. एक मजबूर पिता अपने मृतक बच्चे को इंसाफ दिलाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है। स्थानीय चौकी थाने से लेकर पुलिस के आलाधिकारियों की चौखट तक यह पीड़ित पिता अपनी फरियाद लगा चुका है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। पीड़ित पिता ने सीएम पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज कराई है।
KV 1 का छात्र था मृतक
यह पूरा मामला शाहगंज थाना क्षेत्र के केंद्रीय विद्यालय 1 से जुड़ा हुआ है। थाना मलपुरा बीरपुर धनौली निवासी मनोज रावत का 17 वर्षीय पुत्र विशाल रावत केंद्रीय विद्यालय नंबर 1 में 12वीं का छात्र था। विशाल ने सुसाइड किया था। मृतक के पिता से वार्ता करने के दौरान पूछा कि आखिरकार उसने सुसाइड क्यों किया तो उनकी आंखें छलक गई।
मृतक विशाल रावत के पिता बताते है कि उनका बेटा केंद्रीय विद्यालय 1 में पढ़ता था। बेटा पढ़ने में होनहार और होशियार था। बारहवीं की पढ़ाई कर रहे बेटे के बोर्ड के एग्जाम थे। उससे पहले स्कूल में फेयरवेल पार्टी हुई। फेयरवेल पार्टी में बेटा शामिल हुआ और उसी दौरान एडमिट कार्ड भी दिया जाना था जिससे हर छात्र अपनी परीक्षा दे सके लेकिन बेटे को एडमिट कार्ड देने के दौरान इतना टॉर्चर किया गया कि उसने घर आकर सुसाइड कर लिया।
स्टाफ रूम में किया गया था टॉर्चर
मृतक विशाल के पिता बताते हैं कि जब बेटा घर पहुंचा था तो उसने यह बताया था कि उसके साथ स्टाफ रूम में क्या हुआ। उसे टीचर ने स्टाफ रूम में बुलाया जहाँ प्रिंसिपल भी मौजूद थे। उसके सामने टीचर ने उससे कहा कि ‘मैं तुम्हारी शक्ल भी देखना नहीं चाहती। अपने पिता को बुलाओ, पिता के आने पर ही एडमिट कार्ड मिलेगा।’ बेटे ने मुझे फोन किया और कहा पापा मेरा एडमिट कार्ड लेने आएंगे तो मैंने कहा कि बस कुछ ही देर में पहुंच रहा हूं।
मैं वहां पहुंचा, उसकी मैडम ने एडमिट कार्ड के लिए मुझसे हस्ताक्षर कराए लेकिन एडमिट कार्ड नहीं दिया। कहा कि विशाल को भेज देना उसे दे देंगे। मैंने विशाल को फोन करके बताया लेकिन तब तक वह घर आ गया था। उसने कहा कि मैं ले आऊंगा और कुछ देर बाद सूचना मिली कि बेटे ने सुसाइड कर लिया। गांव में पहुंचकर उसने बताया था कि किस तरह से मैडम ने कहा कि अब मैं तुम्हारी शक्ल नहीं देखना चाहती उसे इस तरह से टॉर्चर किया गया।
बेटे का नहीं होने दिया पोस्टमार्टम
मृतक विशाल के पिता मनोज रावत का कहना है कि बेटे ने सुसाइड किया तो पूरा घर पूरा परिवार टूट गया। आसपास के लोगों को भी गहरा धक्का लगा था। ऐसे में सभी लोगों ने सोचा कि बच्चे की बॉडी का पोस्टमार्टम होगा तो बॉडी की बेकद्री हो जाएगी। इसीलिए सभी ने दबाव डलवा कर बेटे के शव का पोस्टमार्टम नहीं होने दिया और उसका यूं ही अंतिम संस्कार करा दिया। जिसके चलते अब उन्हें मुकदमा दर्ज कराने में भी बहुत ज्यादा कठिनाई हो रही है
सीएम योगी से लगाई है गुहार
विशाल रावत के पीड़ित पिता बेहद परेशान हैं, न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई है। थाना शाहगंज थाना मलपुरा में कई बार शिकायत दर्ज कराई जा चुकी है लेकिन पुलिस ने मुकदमा नहीं लिखती है।
पीड़ित मनोज रावत ने कहा कि भले ही उनके लिए सारे दरवाजे बंद होते चले जा रहे हो लेकिन बेटे के वह शब्द और उसका दर्द उनके जेहन में बस गया है। जब तक वह अपनी मृतक बेटे को न्याय नहीं दिलवा लेते वह चैन से नहीं बैठेंगे। बेटे को न्याय दिलवाने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे। उनकी यह लड़ाई अंतिम सांस तक जारी रहेगी।