Agra. इनर रिंग रोड और लेदर पार्क भूमि अधिग्रहण में हुए घोटाले के दोषी अधिकारियों के खिलाफ अनशन पर चल रहे किसान नेता श्याम सिंह चाहर से मिलने के लिए एडीएम सिटी प्रभाकांत अवस्थी और एडीएम ई जिला अस्पताल पहुंचे। यहां पर उन्होंने किसान नेता श्याम सिंह चाहर और उनके समर्थकों से मुलाकात की, साथ ही उन्हें इस मामले में चल रही प्रशासनिक कार्रवाई से अवगत कराया। दोनों ही प्रशासनिक अधिकारियों ने श्याम सिंह चाहर से अनशन खत्म करने की अपील की।
जिद पर अड़े किसान नेता श्याम सिंह चाहर
आगरा एडीएम सिटी प्रभाकांत अवस्थी और एडीएम ई दोनों ही प्रशासनिक अधिकारी अनशन पर चल रहे किसान नेता श्याम सिंह चाहर को मनाने और अनशन छुड़वाने के लिए पहुंची थे। किसान नेता को बार-बार आश्वासन दिया कि इस मामले में उचित कार्रवाई चल रही है लेकिन किसान नेता को अनशन तुड़वाने के लिए वह नहीं मना सके और दोनों ही अधिकारी लगभग डेढ़ घंटे बाद जिला अस्पताल से वापस आ गए।
कई विभागों के अधिकारियों की फंसी गर्दन
इनर रिंग रोड भूमि अधिग्रहण में हुए घोटाले के मामले में छोटे से लेकर उच्च अधिकारियों की गर्दन फंसी हुई है। अपनी गर्दन बचाने के लिए उच्च अधिकारियों ने कुछ छोटे अधीनस्थ कर्मचारियों की बलि चढ़ा दी है लेकिन किसान नेता श्याम सिंह चाहर के अनशन के बाद इन अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। किसान नेता श्याम सिंह चाहर इन उच्च अधिकारियों पर कार्रवाई चाहते हैं लेकिन प्रशासनिक अमला ऐसा नहीं चाहता है।
दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो
किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने प्रशासनिक अधिकारियों से दो टूक शब्दों में कहा कि प्रशासन दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कराये। जब जांच रिपोर्ट में साफ है कि उच्च अधिकारियों के तालमेल के बाद ही भूमि अधिग्रहण में इतना बड़ा घोटाला हुआ है तो भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं होती। जब तक दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी किसान को इंसाफ नहीं मिलेगा वो नहीं मानेंगे।
मृत्यु तक जारी रहेगा अनशन
किसान नेता श्याम सिंह ने दो टूक शब्दों में कहा है कि जब तक भूमि अधिग्रहण घोटाले के दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं होगी, वह अपना अनशन नहीं तोड़ेंगे। किसानों की इस लड़ाई में वह अपना बलिदान देने को तैयार हैं।
कांग्रेस पार्टी ने भी लिया आड़े हाथ
जिला अस्पताल पहुंचे कांग्रेस उपाध्यक्ष उपेंद्र सिंह ने भी एडीएम सिटी और एडीएम ई से मांग की कि इस मामले में उचित कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। उनका कहना था कि किसानों पर झूठी एफआईआर हो रही है। सही कार्रवाई की मांग को लेकर वह अनशन पर हैं लेकिन प्रशासन इस मामले में भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने के लिए किसानों की बलि चढ़ाने में लगा हुआ है जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।