आगरा। आगरा का जिला अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार उसकी सुर्खियों का कारण जिला अस्पताल की क्षय रोग विभाग की ओपीडी बनी है। ओपीडी के बाहर क्षय रोग के मरीज बैठे हुए थे और चिकित्सक नदारद थे। यह दृश्य देखकर हर मरीज परेशान था और चिकित्सक के साथ अस्पताल की इस कार्यशैली को कोसता हुआ नजर आया।
हॉफ डे था फिर भी नहीं बैठे चिकित्सक
आपको बताते चले कि आज ईद मुलादनबी थी और सरकारी छुट्टी थी लेकिन सरकारी छुट्टी के दिन भी जिला अस्पताल हॉफ डे के लिए खुलता है क्योंकि चिकित्सा इमरजेंसी सुविधा में आता है। हॉफ डे वाले दिन ओपीडी 11.30 बजे तक चलती है और चिकित्सक को भी 11.30 बजे तक बैठना होता है लेकिन क्षय रोग विभाग की ओपीडी में 10.45 से ही सन्नाटा छा गया। ओपीडी के बाहर काफी मरीज बैठे हुए थे जो चिकित्सकों के आने का इंतजार कर रहे थे।
सीएमएस से की शिकायत
इस पूरे मामले को जिला अस्पताल के सीएमएस राजेंद्र अरोड़ा के संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने भी कुछ ऐसे तर्क दे दिए जिसे जानकार हम भी हैरान रह गए। उन्होंने कहा कि हमारे पास क्षय रोग के चिकित्सक ही नहीं है। एक चिकित्सक है वो एमबीबीएस है वो भी वीआरएस चाहते हैं इसलिए मनमानी तरीके से जॉब पर आते हैं और सरकारी छुट्टी के दिन छुट्टी कर लेते हैं वहीं एसएन के जुनियर भी ऐसे ही आते हैं।
सीएमओ को दिया है पत्र
जिला अस्पताल के सीएमएस राजेंद्र अरोड़ा का कहना है कि इस समस्या से वो सीएमओ आगरा और स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारियों व प्रशासन को बता चुके हैं लेकिन उन्हें जिला अस्पताल के लिए कोई क्षय रोग का चिकित्सक नहीं मिला है और न ही इन पर कोई कार्यवाही हुई है।