आगरा (17 May 2022 Agra News)। एनर्जी ड्रिंक बना बाजार का सिरमौर। युवा मांग रहे इंस्टेंट एनर्जी। जानिए सेहत पर क्या पड़ रहा असर।
एक लाख बोतलें रोज बिक जाती हैं
यदि आप सोचते हैं कि युवाओं का दिल आज भी वही सॉफ्ट ड्रिंक की चाहत रखता है तो इस सोच को बदल दीजिए। आज के युवा की पसंद एनर्जी ड्रिंक (Energy Drink) बन चुके हैं। हाल में एक कंपनी द्वारा लांच किया गया 20 रुपये मूल्य का एनर्जी ड्रिंक देखते ही देखते बाजार का सिरमौर बन चुका है। हर चार बोतलों में से एक एनर्जी ड्रिंक की है। इनकी बिक्री भी खूब धड़ल्ले से हो रही है। हर गली मोहल्ले की दुकानों पर यह आसानी से उपलब्ध हैं। एक अनुमान के मुताबिक, एनर्जी ड्रिंक की एक लाख बोतलें आगरा जनपद में बिक जाती हैं।
और आ सकते हैं बदलाव
भगवान टॉकीज पर सनी कोल्ड ड्रिंक (Cold drink)के नाम से दुकान चला रहे सुमित वर्मा बताते हैं, यदि किसी दिन एनर्जी ड्रिंक की क्रेट खत्म हो जाए तो समझ लो बिक्री ठप हो जाती है। हर युवा को इंस्टेंट एनर्जी चाहिए। रात भर जागने वाले युवा सोचते हैं कि एनर्जी ड्रिंक के दम पर पूरी रात आसानी से काम कर सकते हैं। अब तो कुछ नई कंपनियों ने इस क्षेत्र में कदम रख दिया है। आने वाले दिनों में इस मार्केट में और भी बदलाव दिख सकते हैं। #agra news
पहले सॉफ्ट ड्रिंक बिकती थी
कमला नगर में पान की दुकान चलाने वाले रामनरेश बताते हैं कि जितने भी युवा आते हैं, वे सबसे पहले एनर्जी ड्रिंक ही मांगते हैं। पहले सॉफ्ट ड्रिंक खूब बिकती थी। #agra
शरीर की संरचना को करती है प्रभावित
डाइटिशियन प्रीति पांडेय कहती हैं कि एनर्जी ड्रिंक में जरूरी अवयव होते हैं। लेकिन पीने वाले को यह पता नहीं होता कि उसके शरीर को कौन सा अवयव चाहिए। कई बार मिनरल्स एवं जरूरी तत्वों की अधिकता हमारे शरीर की संरचना को प्रभावित कर देती है। खानपान वही होना चाहिए, जिसकी हमारे शरीर को जरूरत है। #enegrydrink
काफी खतरनाक है एनर्जी ड्रिंक: डॉ ओपी यादव
आईएमए अध्यक्ष डा. ओपी यादव ने बताया कि एनर्जी ड्रिंक काफी खतरनाक है। इसमें मिली हुई कैफीन से युवाओं को लत लग सकती है। आपकी डायट पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा इसमें शर्करा की मात्रा अत्यधिक होती है, जो शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। एनर्जी ड्रिंक का सबसे बड़ा नुकसान तो यह है कि इसके पीने से नींद न आने की समस्या हो सकती है। उन्होंने बताया कि इसकी जगह हमें शिकंजी, लस्सी को स्थान देना चाहिए। पारंपरिक पेय पदार्थ ज्यादा फायदेमंद रहते हैं।