आगरा। डॉ. भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को हटाए जाने पर स्थाई कर्मचारी आक्रोशित हो गए हैं। आज सुबह उन्होंने विभागों पर ताले लटका कर काम ठप कर दिया है। इससे छात्र-छात्राएं भी परेशान रहे।
आगरा विश्वविद्यालय में सालों से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी काम कर रहे हैं। पिछले दिनों कार्यपरिषद की बैठक में निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय एक एजेंसी की सेवायें लेगा, उसके द्वारा तैनात कर्मचारियों से ही काम लिया जाएगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों से 29 नवंबर के बाद सेवा नहीं लेने को नोटिस भी जारी कर दिया है। यह देख स्थाई कर्मचारी आक्रोशित हो गए हैं।
आज सुबह कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अखिलेश चौधरी, महामंत्री अरविंद गुप्ता, कर्मचारी नेता डॉ. आनंद टाइटलर के नेतृत्व में कर्मचारियों ने विभागों में ताले लटका कर काम ठप कर दिया। कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अखिलेश चौधरी का कहना है कि आगरा विवि में ऐसे लगभग 150 से अधिक कर्मचारी है जो पिछले 10-15 साल से काम कर रहे हैं। अब इन्हें एकदम हटाने का फरमान कर दिया गया है। विश्वविद्यालय में इस तरीके की मनमानी नहीं चलने दी जाएगी।

कर्मचारी नेता डॉ. आनंद टाइटलर का कहना है कि इतने सालों से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी यहां काम कर रहे हैं। विश्वविद्यालय ने एकदम उन्हें हटाने का फरमान जारी कर दिया है। आखिर अब इस उम्र में यह कहां जाएंगे। जब तक अधिकारी कोई ठोस आश्वासन नहीं देते हैं। विश्वविद्यालय नहीं खुलने दिया जाएगा।
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलसचिव संजीव कुमार सिंह का कहना है कि कार्य परिषद की बैठक में यह निर्णय हुआ है। विश्वविद्यालय में एजेंसी के माध्यम से संविदाकर्मियों की नियुक्ति की जाएगी। दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को हटाया जाएगा। हालांकि, एजेंसी के सामने इन कर्मचारियों के मामले को प्राथमिकता से रखा जाएगा।