Agra. 100 रुपये में क्या होता है 100 में कुछ नहीं होता, यह आप ही रख लीजिए। नहीं, मेरा बेटा जवान था, जवान बेटा खत्म हुआ है। तुम ऐसा मत कहो, 100 रुपये पैसे रख लो। नहीं, 100 रुपये नहीं चाहिए। फिर पीड़ित ने कुछ और पैसे मिलाकर युवक को दिए तो युवक ने पैसे रख लिए। यह कुछ पंक्तियां है किसी कहानी की नहीं बल्कि पोस्टमार्टम घर पर शव लेने पहुंचे पीड़ित और वहां मौजूद कर्मचारियों के बीच की वार्तालाप है। इस वार्तालाप का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हो रहा है। इससे साफ है कि चंद पैसों के चलते लोग उस पीड़ित परिवार को भी नहीं छोड़ रहे जिन्होंने अपने किसी को खोया है।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी के साथ वायरल हो रहा है। यह वीडियो आगरा के पोस्टमार्टम गृह का है जहां पर एक्सीडेंटल व आपराधिक वारदातों में जान गंवाने वाले शवों को रखा जाता है। यहाँ तैनात कर्मचारियों ने सभी हदों को तोड़कर रख दिया। चंद रुपयों के लालच में यहाँ के कर्मचारी डेड बॉडी के सौदागर बन गए है। अपनों को खोने वाला परिवार जो परेशान होकर पोस्टमार्टम गृह पहुंचता है, उसे बॉडी सुपुर्द करने के नाम पर पैसे लिए जाते हैं।
पोस्टमार्टम गृह में शवों की देखरेख करने वाले इन व्यक्तियों को कुछ ना कुछ पीड़ित परिवार देकर जाता है लेकिन उसमें भी सौदेबाजी से साफ है कि इन लोगों के अंदर सभी संवेदनाएं मर चुकी हैं। वायरल वीडियो में ये कर्मचारी पीड़ित परिवार से हक से मांग रहे हैं कि ₹100 से कुछ नहीं होता और दीजिए। पीड़ित परिवार कहता है कि घर का जवान बेटा खत्म हुआ है लेकिन इस बात पर भी इन सौदागरों का दिल नहीं पसीजा और पीड़ित परिवार से अधिक रुपए ले ही लेते हैं।